सुख, सौभाग्य और समृद्धि पाने के लिए वास्तु के इन नियमों का करें पालन
सनातन धर्म सहित सभी धर्मों में वास्तु का विशेष महत्व है। इसके लिए गृह निर्माण के समय वास्तु नियमों का पालन किया जाता है। लापरवाही बरतते हैं, तो जीवन में अस्थिरता आ जाती है।
सनातन धर्म सहित सभी धर्मों में वास्तु का विशेष महत्व है। इसके लिए गृह निर्माण के समय वास्तु नियमों का पालन किया जाता है। लापरवाही बरतते हैं, तो जीवन में अस्थिरता आ जाती है। कई बार वास्तु नियमों का पालन न करने के चलते सुख और समृद्धि गायब हो जाती है। अतः वास्तु नियमों का पालन अनिवार्य है। अगर आप भी अपने जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि पाना चाहते हैं, तो वास्तु के इन नियमों का जरूर पालन करें। आइए जानते हैं-
अगर आप सुख और समृद्धि पाने की कामना कर रहे हैं, तो ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में तांबे के एक बर्तन में पानी में भरकर किसी प्लेट से ढ़क दें। साथ ही ढ़कने वाले बर्तन पर ॐ नम: शिवाय जरूर लिख दें। ज्योतिषों की मानें तो घर के उत्तर पूर्व दिशा में भगवान शिव विराजमान होते हैं। अतः इस दिशा में पाने रखने से घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है।
धर्म शास्त्रों में निहित है कि व्यक्ति को रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में बाउठना चाहिए। इससे व्यक्ति को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वास्तु के अनुसार, प्रातः काल उठने के बाद दरवाजे के बाहर साफ-सफाई कर दरवाजे पर पानी छिड़क दें। इससे घर में सुख और समृद्धि आती है।
वास्तु जानकारों की मानें तो पानी में नमक मिलाकर घर में पोंछा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त हो जाता है। साथ ही घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है। पानी में नमक मिलाकर घर के किसी कोने में रख दें। एक चीज का ध्यान रखें कि पानी को ढकना नहीं है।
वास्तु की मानें तो घर के मुख्य द्वार तोरण और लाल रिबिन बांधने से भी नकारात्मक एनर्जी दूर होती है। वहीं, रोजाना प्रातः काल ॐ मंत्र का जाप और ध्यान करने से घर में सुख और समृद्धि आती है।