कल सूर्य के मिथुन राशि में जाने से किन राशियों को होगा लाभ, जानें ज्योतिषाचार्य से

बुधवार, 15 जून की दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर ग्रहों के राजा सूर्य कन्या लग्न में शत्रु शुक्र की वृष राशि छोड़ कर बुध प्रधान मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।

Update: 2022-06-14 17:25 GMT
Surya Rashi Parivartan 2022: बुधवार, 15 जून की दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर ग्रहों के राजा सूर्य कन्या लग्न में शत्रु शुक्र की वृष राशि छोड़ कर बुध प्रधान मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।यहां वे 16 जुलाई की देर रात तक रहेंगे। बुधवार की संक्रांति को मंदाकिनी कहा जाता है, जिसमें राजाओं को सुख मिलता है। संक्रांति पुण्यकाल सुबह से ही शुरू है। संक्रांति में स्नान करने के पश्चात पितृ श्राद्ध और दान करने से सूर्य नारायण अपार धन, निरोगी काया, राजसत्ता प्रदान करते हैं। मिथुन राशि के स्वामी बुध सम हैं, अर्थात यह सूर्य के न तो मित्र हैं और न ही शत्रु। इस राशि में तीन नक्षत्र- मृगशिरा, आर्द्रा और पुनर्वसु हैं। जहां मृगशिरा के स्वामी मंगल और पुनर्वसु के स्वामी बृहस्पति, सूर्य के परममित्र हैं, तो वही आर्द्रा का स्वामी राहु, सूर्य का प्रबल शत्रु है। सूर्य 26 जून तक मंगल के प्रभाव में रहेंगे।
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आइए जानते हैं, सूर्य के मिथुन में जाने से पड़ने वाले प्रभाव को:
मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि वालों को अच्छी-अच्छी सूचनाएं मिलेगी। रुका हुआ पैसा मिल सकता है। विदेशियों से अच्छे सम्बंध बनेंगे। प्रेम प्रसंग सफल होंगे। सृजनात्मकता से जुड़े कामों में तो अच्छा धन और शोहरत मिलेगी। नौकरी में पदोन्नति और बीमरियों से छुटकारा संभव। किसान-व्यापारी को लाभ होगा। नए कार्य, साक्षात्कार और प्रतियोगी परीक्षा में सफल हो सकते हैं। रोजगार मिलने के साथ-साथ व्यापार के लिए लोन भी मिल सकता है।
वृष, मिथुन, कर्क और तुला राशि वालों के बने-बनाए कामों में बाधा नजर आएगी। जिद से ऑफिस और घर में तनाव होने के आसार हैं। ठगे जा सकते हैं। आलोचना होगी। दोस्त, दुश्मनों की तरह व्यवहार करने लगेंगे। रोग व ऋण आदि से तनाव रहेगा। जी-हजूरी करने पर भी काम नहीं बनने वाला है। प्रियजनों से बिछुड़ना होगा।
वृश्चिक, धनु, कुंभ और मीन राशि वाले शरीर को लेकर सावधान रहें। सरकार व उच्चाधिकारियों से परेशान हो सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षा और साक्षात्कार आदि में सफलता को लेकर तनाव संभव। सम्मान में कमी संभव। प्रेम प्रसंग में रूकावट रहेगी। वाहन तेज चलाने से बचें।
जिनके गोचर में सूर्य खराब हैं, उन्हें आदित्यहृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करना चाहिए। जूता एवं छाता दान करना अच्छा रहेगा।
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