माता लक्ष्मी के प्रसिद्ध मंदिर, दर्शन मात्र से पूरी हो जाती है हर मनोकामना
लक्ष्मी माता की कृपा सभी पर हो ऐसा सब चाहते हैं लेकिन कई बात हमारी लाख कोशिशों के बाद मेहनतर करने के बाद माता लक्ष्मी की कृपा हम पर नहीं होती. अगर आप भी माता लक्ष्मी के भक्त हैं और उनकी कृपा के इंतज़ार में बैठे हैं तो आपको भारत के प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिरों के बारे में बताते हैं. मान्यता है कि इन मंदिरों में दर्शन मात्र से आपकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है. तो आइए जानते हैं भारत के प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर कौन से हैं और ये कहां हैं.
इलियट समुद्र तट के पास स्थित चैन्नई का अष्टलक्ष्मी मंदिर भारतवर्ष के प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में माता के 8 स्वरूपों के लिए आठ अलग कमरों का निर्माण किया गया है. चार मंजिला इस इमारत में ऊपर से नीचे तक साक्षात देवी लक्ष्मी का वास माना जाता है. देवी लक्ष्मी अपने पति भगवान विष्णु के साथ इस मंदिर में स्थापित हैं. जिनके दर्शन करने आपको इस मंदिर की दूसरी मंजिल इमारत पर जाना पड़ता है.
7वीं सदी चालुक्य वंश के शासक कर्णदेव ने कोल्हापुर में महालक्ष्मी मंदिर को निर्माण करवाया था. मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि इस मंदिर में लक्ष्मी माता की जो मूर्ति स्थापित की गयी है वो 7000 साल पुरानी है. मंदिर की विशेषता की बात करें तो इस मंदिर का वास्तु इस हिसाब से बनाया गया है कि सुबह सूर्य की पहली किरण माता लक्ष्मी के चरण स्पर्श करती है. सूर्य की किरणें जनवरी और फरवरी के महीने में देवी की पैरों का वंदन करती हुई मध्य भाग से गुजरते हुए फिर देवी के मुखमंडल को रोशन करती हैं, जो कि एक अतभुत दृश्य होता है. ये मंदिर ना सिर्फ भारत में बल्कि विश्वभर में अपने चमत्कारों और आशीर्वाद के लिए प्रसिद्ध माना जाता है.
भारत की राजधानी दिल्ली में 1622 ईस्वी में वीरसिंह देव ने लक्ष्मीनारायण मंदिर का निर्माण करवाया था. जिसका पुनरुद्धार सन् 1938 में उद्योगपति जी. डी. बिरला द्वारा करवाया गया तब से इस मंदिर को दिल्ली के कुछ लोग बिरला मंदिर के नाम से भी जानते हैं. इस मंदिर में देवी लक्ष्मी के साथ नारायण भगवान साथ में विराजित हैं. दीवाली के महापर्व पर इस मंदिर की रोनक देखने लायक होती है. मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी माथा टेककर अपनी मनोकामना मांगते हैं वो जरुर पूरी होती है.
मुंबई का महालक्ष्मी मंदिर इस शहर के सर्वाधिक प्राचीन मंदिरों में से एक है. अरब सागर के किनारे स्थित यह मंदिर लाखों लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है. यहां हर दिन श्रद्धालुओं की हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ती है. महालक्ष्मी मंदिर में धन की देवी महालक्ष्मी के साथ देवी महाकाली एवं महासरस्वती की प्रतिमाएं भी एकसाथ विद्यमान हैं. भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि यहां उनकी इच्छाएं जरूर पूरी होंगी.
आंध्र प्रदेश में तिरुपति के पास तिरुचुरा नामक एक गांव है. इस गांव में देवी पद्मावती का सुंदर मंदिर स्थित है. मान्यता है कि तिरुपति बालाजी के मंदिर में मांगी गई मन्नतें तभी पूरी होती हैं, जब श्रद्धालु बालाजी के साथ-साथ देवी पद्मावती का भी आशीर्वाद लेते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी पद्मावती का जन्म कमल के फूल से हुआ है, जो इस मंदिर के तालाब में खिला था.
मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण सन 1832 ई. में मल्हारराव होल्कर (द्वितीय) ने करवाया था. प्रतिदिन यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु देवी महालक्ष्मी का दर्शन करने आते हैं. पंडितों के अनुसार इंदौर के मल्हारी मार्तंड मंदिर के साथ इस प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर में सुश्रृंगारित प्रतिमा का बहुत अधिक महत्व है.