Dussehra: भारत के इन राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है दशहरा

Update: 2024-10-12 07:33 GMT
Dussehra राजस्थान न्यूज़: देशभर में शारदीय नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाई जाती है। इस दौरान भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजा की जाती है. इसके अगले दिन दशहरा उत्सव मनाया जाता है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान श्री राम की पूजा की जाती है। भगवान राम की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के कार्यों में सफलता मिलती है। ज्योतिषियों के मुताबिक दशहरा पर कई शुभ योग बन रहे हैं. इन योगों में भगवान श्रीराम की पूजा करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही जीवन में खुशियां आएंगी। आइए जानते हैं दशहरा का
शुभ मुहूर्त और योग-
वैदिक पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 10:59 बजे शुरू होगी और 13 अक्टूबर को सुबह 09:08 बजे समाप्त होगी. इसके बाद एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी. इस शुभ अवसर पर 12 अक्टूबर को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक दशहरा मनाया जाएगा. इस दिन दोपहर के समय पूजा का शुभ समय है।
दशहरा विजय मुहूर्त
विजय मुहूर्त दोपहर 02:03 बजे से 02:49 बजे तक है।
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:44 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक है।
गोधूलि मुहूर्त शाम 05:54 बजे से शाम 06:19 बजे तक है.
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इन योगों में भगवान राम की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। रवि योग का संयोग पूरे दिन है। वहीं, पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। यह योग 13 अक्टूबर को समाप्त होगा. ज्योतिष शास्त्र रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग को शुभ मानता है। इन योगों में कर सकते हैं मंगलकार्य. साथ ही शॉपिंग भी कर सकते हैं. इस शुभ तिथि पर खरीदारी करना बहुत शुभ होता है। इसके साथ ही दशहरे पर श्रवण नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। कुल मिलाकर सालों बाद दशहरे पर एक साथ 4 शुभ योग बन रहे हैं।
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