मृत्यु शय्या की निशानी है इस दिशा में सिर करके सोना

Update: 2023-08-09 11:17 GMT
वास्तुशास्त्र हर किसी के जीवन में अहम भूमिका अदा करता है इसमें हर एक चीजों को लेकर दिशा व स्थान निर्धारित किया गया हैं। वास्तु अनुसार दिशा और स्थान को अगर ध्यान में रखते हुए कार्य किए जाए तो सकारात्मक परिणाम की प्राप्ति होती हैं।
 वास्तु विज्ञान में सोने को लेकर भी दिशा बताए गई माना जाता हैं कि अगर उचित दिशा में सिर करके सोया जाए तो बढ़िया नींद आती है साथ ही सेहत पर भी इसके शुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं शास्त्रों में कुछ दिशाओं को मृत्यु शय्या का प्रतीक बताया गया हैं ऐसे में भूलकर भी इस दिशा में सोने की गलती नहीं करनी चाहिए वरना मानसिक तनाव, कष्ट व अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
 बढ़िया नींद के लिए वास्तुटिप्स—
वास्तुशास्त्र और शास्त्रों में विश्राम यानी सोने को लेकर कई नियम बताए गए हैं जिसके अनुसार सोते वक्त व्यक्ति का सिर कभी भी उत्तर दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। क्योंकि इस दिशा को शुभ नहीं माना जाता हैं कहते हैं कि सनातन धर्म में मृत्यु के पश्चात व्यक्ति को उत्तर दिशा की ओर सिर कर के सुलाया जाता हैं। माना जाता हैं कि उत्तर दिशा में सिर और दक्षिण दिशा में पैर रखने से मृतकी आत्मा को शरीर त्यागने में आसानी होती हैं यही वजह है कि इस दिशा में सिर करके सोना मृत्यु का प्रतीक माना जाता हैं जीवित मनुष्यों को भूलकर भी इस दिशा में सोने की गलती नहीं करनी चाहिए। वास्तु अनुसार अगर कोई उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोता हैं तो उसे मानिसक परेशानियों व रोग बीमारियों का भी खतरा उठाना पड़ता हैं।
 वास्तुशास्त्र में सोने के लिए पूर्व दिशा को उपयुक्त बताया गया हैं कहते हैं कि अगर सोने वाले व्यक्ति का सिर पूर्व दिशा को ओर हो तो इससे मानसिक और स्वास्थ्य लाभ मिलता हैं क्योंकि इसी दिशा में सूर्य उदय होता हैं इसके अलावा आप दक्षिण दिशा की ओर भी सिर करके सो सकते हैं लेकिन भूलकर भी उत्तर की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए इसे अशुभ बताया गया हैं।
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