भूलकर भी न बनाएं और न खिलाएं गिनकर रोटियां, जानें क्यों?

घर परिवार में कभी-कभी अचानक से परेशानियां बढ़ने लगती हैं। घर में कोई न कोई बीमार रहने लगता है। अचानक से फालतू खर्च बढ़ने लगते हैं

Update: 2022-06-01 08:51 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। घर परिवार में कभी-कभी अचानक से परेशानियां बढ़ने लगती हैं। घर में कोई न कोई बीमार रहने लगता है। अचानक से फालतू खर्च बढ़ने लगते हैं और धन संबंधित समस्याएं होने लगती हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो एक बार वास्तु से जुड़ी बातों पर ध्यान अवश्य दें। रसोई एक ऐसा स्थान होता है, जहां पर परिवार के सभी सदस्यों के लिए भोजन बनता है यदि इस स्थान पर कोई दोष हो तो इसका प्रभाव खाना बनाने वाले के साथ ही पूरे परिवार पर पड़ता है। सनातन संस्कृति में गाय को पहली रोटी खिलाने की परंपरा है। ऐसा करना शुभ माना गया है और शुभ फल प्राप्ति के लिए यह विशेष उपाय भी है। जब से एकल परिवार का चलन बढ़ा है, घरों में गिनकर रोटियां बनाई जाने लगी हैं। हालांकि आजकल की जीवनशैली और बढ़ती बीमारियों को देखते हुए रोटी बनाने का यह तरीका एक नजर में सही लग सकता है लेकिन यह जीवन पर बहुत बुरा असर डालता है। यह न केवल कुंडली के शुभ ग्रहों के असर को गड़बड़ा देती है, बल्कि घर की सुख-शांति-समृद्धि और परिजनों की सेहत तक छीन लेती है। आइए आज जानते हैं कि रोटी का ग्रहों से क्या संबंध है और रोटियां पकाने को लेकर धर्म, ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में क्या उपाय बाते गए हैं।

हमेशा जरूरत से थोड़ी ज्यादा रोटी बनाएं
घर के सदस्यों के के लिए जितनी रोटियों की जरूरत है, हमेशा उससे 4 से 5 ज्यादा रोटियों का आटा तैयार करना चाहिए। रोटी बनाते समय हमेशा ध्यान रखें कि पहली रोटी गाय के लिए बनाएं। इस रोटी का आकार तवे जितना बड़ा होना चाहिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए बनानी चाहिए।
मेहमानों के लिए भी निकालें रोटी
रोटी बनाते समय 2 रोटी मेहमान के लिए भी बनाएं। हमारे सनातन धर्म में अतिथि को भगवान का रूप माना गया है। इसलिए पहले के समय में घरों में अप्रत्याशित तौर पर आने वाले मेहमान के लिए रोज अतिरिक्त रोटियां बनाई जाती थीं। ऐसा करने से घर में बरकत बनी रहती है और मां अन्नपूर्णा की कृपा भी रहती है। ऐसे भी घर में आए मेहमान को कभीभी भूख नहीं भेजना चाहिए। यदि घर में मेहमान न आएं तो वो रोटी आप गाय, कुत्ते अथवा पक्षियों को डाल सकते हैं।
बासी आटे से बनी रोटी न बनाएं
अक्सर आपने देखा होगा कि घर में रोटियां जब गिनकर बनाई जाती है तो बचे हुए आटे को फ्रिज में रख दिया जाता है और अगले दिन इसका इस्तेमाल किया जाता है। बांसीआटे की रोटी तो वैज्ञानिक तथ्य के आधार पर भी नहीं कहानी चाहिए क्यूंकी इसमें उत्पन्न हुए बैक्टीरिया कई बीमारियां लेकर आते हैं। वहीं ज्योतिषीय दृष्टि से भी यह सही नहीं माना जाता। यदि घर में बासी आटे की रोटी बनती है तो उसक घर में पारिवारिक क्लेश होते रहते हैं।
रोटी का संबंध सूर्य और मंगल से
रोटी का संबंध सूर्य और मंगल से है। जहां ताजी रोटी हमें ऊर्जा देती है वहीं बासी रोटी नकारात्मकता प्रदान करती है। बासी आटे की रोटी आटे में पैदा हुए बैक्टीरिया के कारण राहु से संबंधित हो जाती है। इसीलिए ऐसी रोटी कुत्ते को दी जानी चाहिए। यदि घर में बासी आटे की रोटियां जब घर के सदस्य खाते हैं तो वह सामान्य से तेज आवाज में बोलते हैं और यह स्थितियां झगड़े का कारण बनती हैं। इसलिए यदि आप घर में शांति रखना चाहते हैं तो बासी आटे की रोटी न बनाएं ।
इस उपाय से दूर होगा राहू का रोड़ा
यदि तमाम प्रयासों के बावजूद सफलता आपके हाथ नहीं लग रही है तो आप के लिए रोटी का यह उपाय वरदान साबित हो सकता है। काम में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए रोटी और चीनी को मिलाकर छोटे-छोटे टुकड़े चीटियों के खाने के लिए उनके बिल के आस-पास डालें। इस उपाय से आपकी बाधाएं धीरे-धीरे दूर होने लगेंगी।
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