जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Shiv Ji Puja Rules: विधि-विधान से की गई देवी-देवताओं की पूजा फलदायी होती है, पर नियमों के विपरीत की गई आराधना से देवता कुपित भी हो सकते हैं. सावन में चारों ओर भोले नाथ की पूजा की धूम मची है लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव के पूजन में केतकी का फूल वर्जित है, ऐसा शिव जी ने खुद केतकी के फूल को श्राप दिया था. बाद में उसकी अनुनय-विनय पर वरदान भी दिया था कि तू मेरी पूजा के योग्य तो नहीं है, पर भक्तगण जब पूजन के दौरान फूलों से मेरा मंडप सजाएंगे तो उस मंडप का सिरमौर तू ही होगा, इसलिए केतकी का फूल शिव जी पर न चढ़ाएं मगर उसे मंडप का सिरमौर जरूर बनाएं.
इसकी कथा शिव पुराण में मिलती है. एक बार ब्रह्मा-विष्णु में इस बात को लेकर युद्ध छिड़ गया कि उनमें बड़ा कौन है. दोनों देवताओं ने एक-दूसरे पर घातक माहेश्वर अस्त्र और पाशुपत अस्त्र छोड़ दिए. अगर ये टकराते तो प्रलय हो जाती. ये देख भोलेनाथ लिंग रूप में दोनों अस्त्रों के बीच में आ गए. उनका स्पर्श पाते ही दोनों अस्त्र शांत हो गए. लिंग का आदि अंत जानने के लिए ब्रह्मा जी हंस रूप में ऊपर उड़े तो विष्णु जी शूकर रूप लेकर पाताल लोक को चले, पर आदि अंत न पा सके। ब्रह्मा जी ने छल किया. आकाश से केतकी का फूल लाकर उसे ही लिंग का अंत बता दिया. इस पर शिव जी कुपित हुए। ब्रह्मा जी को तो दंड दिया है. इस झूठ में ब्रह्मा जी का साथ देने के कारण केतकी के फूल को भी श्राप दे दिया.
कौन-सा फूल अर्पित करने से मिलेगा कौन सा फल
- लाल व सफेद आकड़े (मदार) के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर होती है मोक्ष की प्राप्ति.
- चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है.
- अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने पर मनुष्य भगवान विष्णु का प्रिय होता है.
- शमी वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है.
- बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है ।
- जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती.
- कनेर के फूलों से भगवान शिव का पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं. - हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख - सम्पत्ति में वृद्धि होती है.
- धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है.
- लाल डंठलवाला धतूरा शिव पूजन में शुभ माना गया है.
- दूर्वा से भगवान शिव का पूजन करने पर आयु बढ़ती है.