मकर संक्राति पर ये कार्य करने से मिलेगी शनि दोष से मुक्ति

मकर संक्रांति पर सूर्य देव की अराधना का विशेष महत्व है

Update: 2022-01-10 16:47 GMT
Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) पर सूर्य देव (Surya Dev) की अराधना का विशेष महत्व है. इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि का अवसर मिलता है. मकर संक्रांति के दिन शनि दोष (Shani Dosh) से मुक्ति के उपाय भी कर सकते हैं. इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी, शनिवार के दिन मनाई जाएगी. इस बार 14 जनवरी के दिन से ही मकर संक्रांति शुरू हो जाएगी.
मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) को लेकर मान्यता है कि सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव (Shani Dev) से मिलने के लिए उनके घर जाते हैं. मकर संक्रांति का दिन शनि दोष से मुक्ति के लिए अच्छा अवसर है. आइए जानते हैं मकर संक्रांति से शनि देव का क्या संबंध हैं.
जानें मकर संक्रांति से शनि देव का संबंध
सूर्य का मकर राशि (Makar Rashi) में परिवर्तन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं. मान्यता है कि मकर संक्रांति पर सूर्य देव शनि देव की घर मिलने जाते हैं और लगभग एक माह तर रहते हैं. और सूर्य देव के तेज के सामने शनि देव की चमक फीकी पड़ जाती है.
पौराणिक कथा के अनुसार जब सूर्य देव पहली बार शनि देव (Shani Dev) के घर गए थे, तब उन्होंने काले तिल डालकर उनका स्वागत किया था. इससे सूर्य देव प्रसन्न हुए थे. तब उन्होंने आशीर्वाद दिया था कि उनका घर धन-धान्य से भरा रहेगा.
इसी कारण हर साल मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा काले तिल से की जाती है. वहीं, बता दें कि शनि देव को भी काले तिल बहुत प्रिय हैं. उनकी पूजा में भी काले तिल अर्पित किए जाते हैं. ऐसे में मकर संक्रांति के दिन काले तिल से शनि देव की पूजा करने से कुंडली में व्याप्त शनि दोष का प्रभाव कम होता है.
शनिवार को मकर संक्रांति
इस बार मकर संक्रांति शनिवार के दिन पड़ रही है, जो कि शनिदेव को समर्पित है. वहीं, शनिवार के दिन ही पिता सूर्य देव पुत्र शनि देव से मिलने जाते हैं. ऐसे में इस खास मौके पर शनि देव को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि जनता से रिश्ता किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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