क्या आपको भी जीवन में बार-बार मिलता है धोखा

Update: 2024-06-25 07:40 GMT
सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। ज्योतिष कुंडली Astrology Horoscope देखकर व्यक्ति के भविष्य की गणना करते हैं। कुंडली में किसी प्रकार का दोष लगने पर जातक को जीवन में विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ता है। साथ ही आर्थिक संकटों का सामना भी करना पड़ता है। कुंडली में कई प्रकार के दोष लगते हैं। इनमें कालसर्प दोष अधिक कष्टकारी माना जाता है। इस दोष से पीड़ित जातक को जीवन में हर समय संकटों से ही गुजरना पड़ता है। अगर आप भी अपने जीवन में नाना प्रकार के दुख और व्याधि से गुजर रहे हैं, तो एक बार अपनी कुंडली का विश्लेषण अपने निकटतम ज्योतिष से अवश्य करा लें। दोष लगने पर निवारण अनिवार्य है। आइए, शंखपाल कालसर्प दोष के बारे में सबकुछ जानते हैं-
ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में द्वादश भाव हैं। इन भावों में शुभ और अशुभ ग्रह उपस्थित रहते हैं। मायावी ग्रह केतु के तीसरे भाव और राहु के नवम भाव में उपस्थित रहने और दोनों ग्रहों के मध्य सभी शुभ और अशुभ ग्रह की उपस्थिति होने पर शंखपाल कालसर्प दोष लगता है। आसान शब्दों में कहें तो राहु के नवम भाव और केतु के तीसरे भाव में रहने पर शंखपाल कालसर्प दोष बनता है।
शंखपाल कालसर्प दोष के प्रभाव 
Effects of Shankhpal Kalsarpa Dosha
शंखपाल कालसर्प दोष से पीड़ित जातक को जीवन में बार-बार धोखा मिलता है। जातक को धोखा कभी दोस्तों, तो कभी रिश्तेदारों से मिलता है। कई अवसर पर जातक फैसले लेने में भी असमर्थ रहता है। इस दोष से पीड़ित जातकों के जीवन में रिश्तेदार अधिक हस्तक्षेप करते हैं। इसके अलावा, जातक को बुरे सपने अधिक दिखाई देते हैं।
शंखपाल कालसर्प दोष के उपाय Remedies for Shankhpal Kalsarp Dosh
शंखपाल कालसर्प दोष को दूर करने के लिए निवारण अनिवार्य है। वहीं, सामान्य उपाय कर दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके बावजूद निवारण जरूरी है। बुरी आदतों से दूर रहें। शनिवार के दिन भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन न करें। इसके अलावा, पार्टनरशिप में कार्य न करें और न ही किसी पर भरोसा रखें। रोजाना हनुमान जी की पूजा करें। पूजा के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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