सभी ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए सूर्य देव के समक्ष करें योग

प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, योग और ज्योतिष का गहरा कनेक्शन है.

Update: 2022-06-04 13:54 GMT

प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, योग और ज्योतिष का गहरा कनेक्शन है. दरअसल योग सूर्य से सीधे कनेक्ट है. सूर्य सभी ग्रहों के राजा हैं और यदि आपने उन्हें प्रसन्न कर लिया तो समझिए सभी ग्रह स्वतः ही प्रसन्न हो जाएंगे. सूर्य सौर मंडल के प्रधान ग्रह हैं. इनकी दिव्य रश्मियां सभी जीव जंतुओं को प्रभावित करती हैं. सूर्य ऊर्जा के अक्षय कोष एवं सत्य के प्रतीक हैं, शक्ति की अमर निधि हैं. इनकी आकृति, प्रकृति और ऊर्जा यानी शक्ति सभी प्राणियों पर अन्य ग्रहों की अपेक्षा अत्यधिक प्रभाव उत्पन्न करती है. इसीलिए फलित ज्योतिष में सूर्यका स्थान अत्यन्त महत्त्वपूर्ण माना जाता है.

शरीर के स्थूल , सूक्ष्म , जड़ , चेतन आदि घटकों का संबंध विभिन्न ग्रहों से सतत बना हुआ है. सबसे पहले सूर्य की प्रकृति को समझना जरूरी है. सूर्य करोड़ों वर्षों से निकल रहे हैं और अपनी ऊर्जा इस जगत के प्रत्येक प्राणि में बिना किसी भेद के प्रवाहित कर रहे हैं. सरकारी या प्राइवेट संस्थान में काम करने वाले कर्मचारी अथवा कोराबारी और उद्यमी सभी कभी न कभी अवकाश लेते हैं किंतु सूर्यदेव कभी भी अवकाश नहीं लेते हैं. उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति को भी उनकी तरह परिश्रम करना होगा.
सूर्योदय का समय ही योग के लिए सबसे उपयुक्त
आधुनिक समय में लोग कभी भी योग करते हैं किंतु वास्तव में योग करने का विधान सूर्योदय के समय ही है जब सूर्य की किरणें लोगों को ऊर्जावान करती हैं, उस समय की किरणों में तपिश नहीं होती है जो लाभ करती हैं. सूर्य की प्रातःकालीन किरणों से हमें विटामिन डी ३ स्वाभाविक रूप से प्राप्त होता है और शरीर में इसकी कभी कमी नहीं होने पाती है अन्यथा बहुत से लोगों के शरीर में विटामिन डी 3 की कमी पाई जाती है. इन किरणों का इतना अधिक महत्व है कि डॉक्टर भी नवजात शिशु को कुछ देर के प्रातः सूर्य के सामने ले जाने की सलाह देते हैं.
स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मस्तिष्क
विश्व में कई तरह के दिवस मनाए जाते हैं उसी तरह से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने मान्यता दी है. दरअसल 21 जून का दिन सबसे लंबा माना जाता और योग भी मनुष्य का जीवन लंबा यानी दीर्घायु करता है, यूं तो योग प्राचीन भारतीय परम्परा है किंतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका प्रारंभ 2015 में हुआ था. योग यानी जोड़ना अर्थात प्लस. अपने को पाजिटिविटी से जोड़ना, अच्छी सांसों से जोड़ना है. यानी अपने जीवन में कुछ अच्छा जोड़ना है. 21 जून को पूरी दुनिया में योग किया जाता है तो समझ लीजिए यह एक शुभ मुहूर्त है अपने लिए, परिवार के लिए और समाज के लिए नियम बनाने का. सूर्योदय के समय नियम से योगा मैट लेकर बैठें और योग करें. कहते हैं बच्चे के लिए माता पिता से अच्छा कोई गुरु नहीं होता है, इसलिए रोज खुद भी योग करें और बच्चों को भी योग कराएं तो उनका अभ्यास होता जाएगा. योग करने से शरीर के अंदर की केमिस्ट्री बदलती है और केमिस्ट्री के बदलाव से फिजिक्स यानी फिजीक भी बदलती है. इन दोनों के अच्छा होने से फिलॉसफी ठीक हो जाती है. आज अधिकांश लोग स्ट्रेस में हैं और योग इस स्ट्रेस को ठीक करता है.
साक्षी भाव में बैठना सीखें
24 घंटे के एक दिन में से हर घंटे का एक मिनट यानी प्रत्येक व्यक्ति को ऑफिस और घर की भागमभाग से दूर हट कर कम से कम 24 मिनट का समय तो अपने लिए देना ही चाहिए. इसी से धैर्य सीखेंगे. पहले दिन से कोई योगाचार्य नहीं बन जाएगा. आपको योगा मैट पर सुखासन में आंख बंद कर बैठ जाना है. 24 मिनट आंख बंद कर बैठने का अभ्यास हो गया तो समझिए आपके जीवन में धैर्य का प्रारंभ हो गया. इस बीच मन में जो विचार आ रहे हैं उन्हें आने दीजिए, आप तो बस आंख बंद कर बैठे रहिए जो विचार आ रहे हैं, उन पर जोर दिए बिना आने दीजिए जाने दीजिए, आप तो बस साक्षी भाव में बैठे रहिए. डिस्टरबेंस तो होगा किंतु आप परेशान न हों, 24 मिनट के लिए बैठे रहिए. इस अभ्यास को रोज की दिनचर्या में शामिल करना होगा.
इतनी देर मोबाइल को स्विच ऑफ कर दीजिए. जहां तक मोबाइल का सवाल है इसकी बैट्री भी चार्ज करनी पड़ती है ठीक उसी तरह सुबह का योग शरीर को चार्ज करता है. जिस तरह मोबाइल में अच्छे बुरे हर तरह के संदेश आते हैं उसी तरह ब्रेन में भी परमात्मा की तरफ से धार्मिक आध्यात्मिक और दार्शनिक संदेश तथा कंपनियों की तरफ से सांसारिक संदेश आते हैं. जब आप शांत मन से बैठेंगे तभी तो अच्छे और बुरे संदेश के बारे में विचार कर सकेंगे.
बिस्तर पर लेट कर योग देखें तो कोई लाभ नहीं
कुछ चीजें करने से ही होती हैं, बिस्तर में लेट कर टीवी पर योग क्लास देखें तो उसका लाभ नहीं होगा, लाभ लेने के लिए तो हमें भी बिस्तर से उतर कर योगा मैट पर अभ्यास करना होगा, सामान्यतः लोग जब बीपी या शुगर के पेशेंट हो जाते हैं तब डॉक्टर की सलाह पर फिजिकल एक्सरसाइज करते हैं किंतु यदि शुरू से ही योग करें को निरोगी रहेंगे.


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