Budh Pradosh Vrat पर इस विधि से करें पूजा, पूरी होगी मनचाही मुराद

Update: 2024-11-13 07:53 GMT
Budh Pradosh Vrat ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है इस दिन भक्त शिव की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से महादेव की कृपा बरसती है।
 नवंबर माह का पहला प्रदोष व्रत 13 नवंबर यानी आज मनाया जा रहा है बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण ही इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजा की सरल विधि से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 बुध प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त—
नवंबर माह का पहला प्रदोष व्रत यानी बुध प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 13 नवंबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 7 मिनट तक है। ऐसे में बुध प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में पूजा करने के लिए साधक को 2 घंटे 38 मिनट का समय प्राप्त हो रहा है।
 प्रदोष व्रत में ऐसे करें पूजा—
बुध प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर मन को शांत रखें। फिर पूजा स्थल पर शिवलिंग की स्थापना करें और व्रत का संकल्प करें। अब शिवलिंग का अभिषेक पंचामृत से करें। पंचांमृत में दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल मिलाएं। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और सफेद पुष्प अर्पित करें। पूजा के समय धूप दीपक जलाकर भगवान शिव की पूजा करें फिर ॐ नमः शिवाय इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। पूजा समाप्त होने के बाद भगवान शिव की आरती करें। आखिर में शिव जी को सफेद चीजें जैसे खीर का प्रसाद अर्पित करें। माना जाता है कि इस विधि से प्रदोष व्रत की पूजा करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है।
 
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