Kartik Purnima ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है पंचांग के अनुसार अभी कार्तिक माह चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है
मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर स्नान दान व पूजा पाठ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और देवी देवताओं की कृपा प्राप्त होती है इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर दिन शुक्रवार यानी आज मनाई जा रही है इसी दिन देव दीपावाली और गंगा स्नान भी किया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से पुण्य फलों में वृद्धि होती है, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजा की सरल विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर ऐसे करें पूजा—
आपको बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर घर व पूजा स्थल की अच्छी तरह साफ सफाई करें। इस दिन लोग गंगा घाटों पर जाकर स्नान दान व दीपदान आदि कार्य करते हैं लेकिन अगर आप गंगा घाटों पर नहीं जा सकते हैं तो स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उनकी विधिवत पूजा करें। इस दिन सत्यनारायण व्रत भी किया जाता है।
इस तिथि पर आप कभी भी सत्यनारायण की पूजा कर सकते हैं भगवान विष्णु को पंचामृत और पंजीरी का भोग लगाएं। वैदिक मंत्रों का जाप करें। अब रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें। सत्यनारायण कथा का पाठ कर आरती करें। घर को दीपक से सजाएं और मंदिर व गंगा घाट पर दीपदान जरूर करें इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करना चाहिए।