पौष अमावस्या पर करें ये काम, जानें कैसे होंगी सुख में वृद्धि एवं परेशानियां से दूर

हिन्दू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथियों का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान, दान और व्रत का विशेष लाभ माना गया है।

Update: 2021-01-12 04:19 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | हिन्दू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथियों का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान, दान और व्रत का विशेष लाभ माना गया है। हिन्दी पंचांग के अनुसार, आज पौष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि दोपहर 12 बजकर 22 मिनट पर लग रही है। ऐसे में पौष अमावस्या कल 13 जनवरी दिन बुधवार को होगी। इस दिन ही स्नान, दान, पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म आदि किए जाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म करने से उनकी आत्माएं तृप्त होती हैं, वे पितृ लोक से हमें सुखी जीवन तथा वंश वद्धि समेत कई आशीष देते हैं। जागरण अध्यात्म में आज हम अमावस्या पर किए जाने वे कुछ ज्योतिष उपायों के बारे में बता रहे हैं, जिनको अपनाकर आप सुखी जीवन का आशीष प्राप्त कर सकते हैं तथा जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है।

अमावस्या को करें ये उपाय
1. अमावस्या की शाम को अपने घर के ईशान कोण में एक घी का दीपक जलाएं। उसमें केसर डाल दें। ध्यान रहे कि दीपक में गाय के घी का प्रयोग करें और उसमें लाल रंग की बत्ती लगाएं। ऐसा करने से आप पर माता लक्ष्मी प्रसन्न हो सकती हैं और आपके जीवन में धन का अभाव खत्म हो सकता है।
2. अमावस्या के प्रात:काल में नदी या सरोवर में स्नान करें। फिर आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिला दें। इससे आपके जीवन की परेशानियों को दूर करने में मदद मिल सकती है।
3. अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करके घर पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं। स्नान के बाद पितरों को जल दें। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और वे अपने वंश को सुखी जीवन का आशीष देते हैं।
4. अमावस्या को भूखे जीवों को भोजन कराना पुण्य का काम होता है। इस दिन कौआ, कुत्ता, गाय आदि को भोजन दें। ऐसी मान्यता है कि यदि वे जीव भोजन ग्रहण कर लेते हैं, तो पितर तृप्त होते हैं। वे आशीष देते हैं।
5. कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए भी अमावस्या के दिन उपाय किए जाते हैं। इस दिन चांदी के बने नाग-नागिन की पूजा करें तथा उन्हें बहते जल में प्रवाहित कर दें।
डिसक्लेमर
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