Kartik Purnimaज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है पंचांग के अनुसार अभी कार्तिक माह चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर स्नान दान व पूजा पाठ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और देवी देवताओं की कृपा प्राप्त होती है
इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर दिन शुक्रवार यानी आज मनाई जा रही है इसी दिन देव दीपावाली और गंगा स्नान भी किया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ के दौरान अगर भगवान विष्णु की प्रिय आरती का पाठ किया जाए तो प्रभु जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं साथ ही भक्तों की सारी मनोकामनाओं को भी पूरा कर देते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान विष्णु की आरती।
भगवान विष्णु की आरती
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ ओम जय जगदीश हरे।
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का। स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख संपत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥ ओम जय जगदीश हरे।
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी। स्वामी शरण गहूं मैं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ओम जय जगदीश हरे।
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी। स्वामी तुम अन्तर्यामी।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ओम जय जगदीश हरे।
तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता। स्वामी तुम पालन-कर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ओम जय जगदीश हरे।
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति। स्वामी सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय जगदीश हरे।
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे। स्वामी तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ओम जय जगदीश हरे।
विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा। स्वामी पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ओम जय जगदीश हरे।
श्री जगदीश जी की आरती, जो कोई नर गावे। स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पावे॥ ओम जय जगदीश हरे।