कन्या पूजन करने से पहले करें ये काम, जानिए इसके नियम और महत्व
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) हो या शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri), दोनों में ही कन्या पूजन को विशेष महत्व दिया गया है
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) हो या शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri), दोनों में ही कन्या पूजन को विशेष महत्व दिया गया है. कन्या पूजन (Kanya Pujan) के बिना नवरात्रि की पूजा सफल नहीं होती. भविष्यपुराण और देवीभागवत पुराण में कन्या पूजन का विशेष रूप से वर्णन करते हुए लिखा है कि नवरात्रि का पर्व कन्या भोज के बिना अधूरा है. कन्या पूजन में नौ कन्याओं को भोज कराया जाता है. ये सभी कन्याएं मां दुर्गा का अलग अलग रूप मानी जाती हैं. जो लोग नवरात्रि में नौ दिनों तक का व्रत नहीं रखते, वे भी कन्या पूजन जरूर करते हैं. वहीं जिन लोगों ने कलश स्थापना की है, उनके लिए तो ये अत्यंत आवश्यक बताया गया है. लेकिन कन्या पूजन के भी कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. यहां जानिए नवरात्रि में कन्या पूजन के समय किन बातों को ध्यान रखना चाहिए.