तुलसी विवाह पर करें ये अचूक उपाय, दूर होगी वैवाहिक जीवन की हर मुश्किल

हिन्दू धर्म में तुलसी विवाह का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन से ही शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. तुलसी विवाह का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन होता है

Update: 2022-11-03 04:12 GMT

हिन्दू धर्म में तुलसी विवाह का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन से ही शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. तुलसी विवाह का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन होता है. इससे एक दिन पहले देव उठनी एकादशी को देव जागेंगे. भगवान विष्‍णु 4 महीने की योग निद्रा के बाद जागते हैं. फिर अगले दिन तुलसी जी के साथ विवाह रचाते हैं. इस साल 4 नवंबर को देव उठनी एकादशी और 5 नवंबर को तुलसी विवाह होगा. तुलसी विवाह का दिन भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की विशेष कृपा पाने का दिन भी होता है. भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि रहती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है. आइए जानते हैं तुलसी विवाह के दिन के अचूक उपाय.

सुखी वैवाहिक जीवन पाने के उपाय

तुलसी विवाह के दिन पति-पत्‍नी पवित्र नदी में स्‍नान करें. यदि पवित्र नदी में स्‍नान न करें तो घर पर ही पवित्र नदी के जल मिले पानी से नहाएं.

तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी और भगवान शालिग्राम जी का विवाह रचाएं. इससे वैवाहिक जीवन में मिठास घुलेगी. इससे जीवन की सारी समस्‍याएं भी दूर होंगी. साथ ही पति-पत्‍नी का रिश्‍ता मजबूत होता है.

पानी में तुलसी के पत्‍ते डालें. फिर इस जल को पूरे घर में छिड़कें. इससे घर की नकारात्‍मकता दूर होगी. घर में कलह दूर होगी. झगड़े खत्‍म होंगी. पति-पत्‍नी के बीच प्रेम बढ़ेगा और रिश्‍ता मजबूत होगा.

यदि तुलसी विवाह के दिन तुलसी जी और भगवान शालिग्राम का विवाह ना भी रचा पाएं तो जहां भी तुलसी विवाह हो रहा हो या मंदिर में जाकर तुलसी माता को लाल चुनरी और सोलह श्रृंगार अर्पित करें. इससे वैवाहिक जीवन की सारी समस्‍याएं दूर होती हैं.


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