उत्पन्ना एकादशी के दिन करें ये विशेष उपाय, दूर होगी सभी परेशानी

Update: 2022-11-22 02:30 GMT

हिन्दू धर्म में हर व्रत का विशेष महत्व है।इन्हीं व्रतों की श्रंखला में एकादशी व्रत भी आता है। भगवान विष्णु की विशेष अनुकंपा के लिए एकादशी का व्रत रखना चाहिए। हर मास की एकादशी को अलग अलग नामों से जाना जाता है। जैसे कामदा एकादशी, वरूथिनी एकादशी,मोहिनी एकादशी,अपरा एकादशी, निर्जला एकादशी, योगिनी एकादशी देवशयनी एकादशी, कामिका एकादशी पुत्रदा इत्यादि। मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जानते हैं। पंचांग के अनुसार उत्पन्ना एकादशी व्रत 20 नवंबर, रविवार के दिन रखा जाएगा। यदि आप भी साल भर तक एकादशी व्रत का अनुष्ठान करना चाहते है, उन्हें आज मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी से ही व्रत शुरू करना चाहिए। उत्पन्ना एकादशी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और साथ ही आर्थिक तरक्की भी मिलती है। आइए जानते हैं क्या है वो उपाय-

 उत्पन्ना एकादशी पर करें ये उपाय

तुलसी की जड़ की थोड़ी-सी मिट्टी लेकर पानी में डालकर स्नान करें। फिर साफ पानी से स्नान करके, साफ-सुथरे कपड़े पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें। इससे स्वास्थ्य समस्या से निदान मिलेगा।

कारोबार मंदा चल रहा है तो तरक्की के लिए पांच गुंजाफल श्री विष्णु के सामने रखकर उनकी पूजा करें। इसके बाद गुंजाफल को अपनी तिजोरी या गल्ले में रख लें। ऐसा करने से कारोबार में लाभ होगा।

नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने के लिए विष्णु आराधना के समय दस मुखी रुद्राक्ष की भी पूजा करें उसके बाद उसे गले में धारण करें।

पारिवारिक रिश्तों में मजबूती चाहते हैं तो आपको भगवान विष्णु की पूजा के बाद ब्राह्मण का आशीर्वाद लें और उन्हें दक्षिणा स्वरूप कुछ भेंट करें।

गृह क्लेश से मुक्ति चाहते हैं तो अपने घर के मंदिर में दक्षिणावर्त्ती शंख की स्थापना करें और उसकी रोली, धूप-दीप आदि से पूजा करें। आपके घर की सुख-शांति बनी रहेगी।

कार्यक्षेत्र में आर्थिक तरक्की चाहते हैं तो स्नान आदि के बाद श्री विष्णु की धूप-दीप से पूजा कर 'ऊँ गोविंदाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।

दाम्पत्य जीवन में मधुरता चाहते हैं तो एकादशी के दिन सुबह स्नान आदि के बाद, साफ-सुथरे कपड़े पहनकर श्रीविष्णु जी के साथ ही तुलसी जी की भी विधिवत पंचोपचार से पूजा करें। 

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