Ashadha Gupt Navratri ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में नवरात्रि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि देवी साधना का पर्व होता है इस दौरान भक्त देवी मां की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से देवी की कृपा बरसती है और सुख समृद्धि प्राप्त होती है पंचांग के अनुसार अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है
इस दौरान मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है इस बार गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से आरंभ हो चुकी है और इसका समापन 15 जुलाई को हो जाएगा। इस दौरान पूजा पाठ और व्रत के साथ ही अगर माता रानी के चमत्कारी मंत्रों का जाप विधिवत किया जाए तो असफलताओं से छुटकारा मिल जाता है और देवी की कृपा से सफलता और सुख की प्राप्ति होती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं देवी के चमत्कारी मंत्र।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पर करें इन मंत्र जाप—
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।
क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते ॥
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥
हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत्। सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्यो नः सुतानिव॥
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति॥
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता॥
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः। सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि।। दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके। मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।।