आज सावन प्रदोष पर करें ये आसान उपाय, दूर होगा कुण्डली का गुरू दोष
प्रदोष का व्रत प्रत्येक माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से शिव भक्त शंकर जी का आशीर्वाद पाने के लिए रखते हैं।
प्रदोष का व्रत प्रत्येक माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से शिव भक्त शंकर जी का आशीर्वाद पाने के लिए रखते हैं। सावन महीने प्रदोष व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है। कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को कृष्ण प्रदोष कहते हैं। इस साल सावन महीने का कृष्ण प्रदोष का व्रत आज 5 अगस्त, दिन गुरूवार को पड़ रहा है। गुरूवार को प्रदोष का व्रत पड़ने के कारण इसे गुरू प्रदोष भी कहा जाता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान शंकर का पूजन करने से आपका बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। ज्ञान और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। जिसकी कुण्डली में गुरू दोष व्याप्त हो उसे गुरू प्रदोष का व्रत जरूर रखना चाहिए। आइए जानते हैं गुरू प्रदोष के कुछ विशेष उपाय...
1-गुरू प्रदोष के दिन जल में केसर या केवड़े का इत्र डालकर स्नान करना चाहिए, ऐसा करने से गुरू दोष से मुक्ति मिलती है।
2- गुरू प्रदोष के दिन मंडप के नीचे पांच रंगों से रंगोली बना कर, आसन पर भगवान शिव को स्थापित करना चाहिए।
3- भगवान शिव का पूजन उत्तर – पूर्व दिशा में मुख करे के करनी चाहिए।
4- प्रदोष के व्रत में चावल और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन फलाहार व्रत रखने का विधान होता है।
5- गुरू प्रदोष के दिन हल्दी, चना, गुड़ या पीले वस्त्र का दान करना चाहिए।
6- प्रदोष के दिन हरी मूंग का सेवन करना चाहिए। हरी मूंग मस्तिष्क और मंदाग्नि को शांत करता है।
7- प्रदोष के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव का पूजन करना सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन रात्रि में जागरण करने का भी विधान है।
8- त्रयोदशी के दिन कामदेव की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से सुंदर पत्नि की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम बना रहता है।