ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है जो कि भगवान श्री गणेश की साधना आराधना को समर्पित किया गया है इस दिन भक्त दिनभर का उपवास रखते हुए शिव पुत्र गणेश की पूजा करते हैं माना जाता है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की साधना आराधना करने से दुखों का अंत हो जाता है
इस बार विनायक चतुर्थी का पर्व 11 मई को मनाया जाएगा। ऐसे में अगर इस दिन पूजा पाठ के दौरान भगवान गणेश के प्रिय स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो जीवन में खुशियों का आगमन होता है और गणपति के आशीर्वाद से व्यक्ति मालामाल बन जाता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये चमत्कारी स्तोत्र।
यहां पढ़ें गणेश स्तोत्र—
शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।
येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥
चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।
विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥
तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।
साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥
चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।
सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥
अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।
तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥
इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।
एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥
तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।
क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥