ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन चतुर्थी तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि श्री गणेश की पूजा आराधना को समर्पित होती है इस दिन भक्त भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं विनायक चतुर्थी हर माह में पड़ती है इस नि श्री गणेश की पूजा का विधान होता है।
मान्यता है कि विनाकय चतुर्थी के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं पंचांग के अनुसार अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली चतुर्थी को वैशाख विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जा रहा है जो कि इस बार 11 मई को मनाया जाएगा।
इस दिन पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी होता है लेकिन इसी के साथ ही अगर विनायक चतुर्थी के दिन गणपति की साधना के दौरान गणेश संकटनाशन स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है और परेशानियां दूर हो जाती है तो आज हम आपके लिए यही चमत्कारी स्तोत्र लेकर आए हैं।
गणेश संकटनाशन स्तोत्र—
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।
तृतीयंकृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रंचतुर्थकम।।2।।
लम्बोदरं पंचमंच षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्णतथाष्टकम्।।3।।
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तुविनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तुगजाननम।।4।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।
विद्यार्थी लभतेविद्यांधनार्थी लभतेधनम्।
पुत्रार्थी लभतेपुत्रान्मोक्षार्थी लभतेगतिम्।।6।।
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलंलभेत्।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभतेनात्र संशय: ।।7।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।
तस्य विद्या भवेत्सर्वागणेशस्य प्रसादत:।।8।। ॥
इति श्रीनारदपुराणेसंकष्टनाशनंगणेशस्तोत्रंसम्पूर्णम्॥