आज कालाष्टमी व्रत के दिन ये काम, करें काल भैरव करेंगे आपकी सुरक्षा
भगवान काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है. बाबा भैरवनाथ भगवान शिव के अवतार हैं,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भगवान काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है. बाबा भैरवनाथ भगवान शिव के अवतार हैं, जो अपमान और अनुचित करने वालों को दंड देते हैं, वे चाहें सृष्टि के रचनाकार बह्मा जी हों या फिर राजा दक्ष. भगवान शिव के अंश काल भैरव काशी के कोतवाल हैं. शिव नगरी की सुरक्षा का जिम्मा उन पर ही है. आज आप भगवान काल भैरव की पूजा करके शारीरिक दुख, कष्ट, ग्रहों के दोष, तंत्र बाधा, नकारात्मक शक्तियों के दुष्प्रभाव और शत्रुओं के भय को दूर कर सकते हैं. इनकी कृपा से शत्रु भी मित्र बन जाते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट का कहना है कि आज के दिन बटुक भैरव कवच का पाठ किया जाता है, तो आपके सभी कष्ट और दुख दूर हो सकते हैं. शत्रुओं पर आपका वर्चस्व बढ़ेगा. आइए जानते हैं बटुक भैरव कवच के बारे में.
बटुक भैरव कवच का करें सही उच्चारण
बटुक भैरव कवच का पाठ करने से पूर्व भगवान भैरवनाथ की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए. उनको उनकी पंसद की वस्तुओं का भोग लगाना चाहिए, ताकि वे आप पर प्रसन्न हों. उसके बाद पूरे मन से उनका ध्यान करके बटुक भैरव कवच का पाठ करना चाहिए. इसमें उच्चारण की शुद्धता जरूरी है. कहीं भी मां दुर्गा की पूजा होती है, तो बटुक भैरव की भी पूजा की जाती है. इनकी आराधना के बिना देवी की पूजा अधूरी होती है. बटुक भैरव को काल भैरव का सौम्य स्वरुप माना जाता है.
बटुक भैरव कवच
ओम सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः।
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥
पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा।
आग्नेयां चरुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः॥
नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे।
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः॥
भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा।
संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः॥
ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः।
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः॥
रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु।
जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च॥
डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः।
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः॥
पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः।
मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा॥