मकर, कुंभ, धनु, मिथुन, तुला वाले भैरव बाबा को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय, मिलेगी भय से मुक्ति
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मार्गशीष कृष्ण अष्टमी के दिन काल भैरव जयंती का पावन पर्व मनाया जाता है। इस साल 27 नवंबर को काल भैरव जयंती है। धार्मिक कथाओं के अनुसार मार्गशीष अष्टमी को भगवान शिव ने काल भैरव के रूप में अवतार लिया था। काल भैरव भगवान शिव के रौद्र, विकराल एवं प्रचण्ड स्वरूप हैं। इस दिन भैरव जी के साथ शिव और मां पार्वती की भी पूजा की जाती है। काल भैरव की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के दुख- दर्द दूर हो जाते हैं। इस समय मकर, कुंभ, धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति के लिए काल भैरव जयंती के पावन दिन विधि- विधान से भगवान भैरव की पूजा- अर्चना करनी चाहिए।