मकर संक्रांति पर दान समेत जरूर करें ये पांच जरूरी कार्य

मकर संक्रांति का महापर्व आखिर क्यों मनाया जाता है? आखिर इस पर्व पर प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्यदेव की पूजा का क्या महत्व है और इस दिन आखिर दान से जुड़े कौन से उपाय हैं, जिसे करते ही हमें अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है? जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

Update: 2022-01-05 03:46 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नए साल के पहले महीने यानि जनवरी में मकर संक्रांति से बड़े पर्वों की शुरुआत होती है. मकर संक्रांति का महापर्व 14 जनवरी 2022 को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति का महापर्व सिर्फ उत्तर भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण भागों समेत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. इस दिन प्रतिदिन हमें प्रत्यक्ष दर्शन देने वाले सूर्य देवता उत्तरायण हो जाते हैं. सूर्य के मकर राशि से मिथुन राशि के काल को उत्तरायणकाल कहा जाता है. उत्तरायण की वजह से दिन बड़े और रात छोटी होने लग जाती है. सनातन परंपरा में उत्तरायणकाल में सिर्फ जन्म लेना ही नहीं बल्कि मृत्यु को प्राप्त करना भी उत्तम माना गया है. आइए मकर संक्राति के महापर्व की पूजा विधि और इस दिन किए जाने वाले अचूक उपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं.

दान से दूर होंगे सारे दु:ख
मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है. इस दिन पुण्य फल की प्राप्ति के लिए किसी किसी मंदिर में जाकर चावल, घी, दही, आटा, गुड़, काला तिल, सफ़ेद तिल, लाल मिर्च, मिश्री, आलू और अपने सामथ्र्य क अनुसार कुछ धन का दान करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन दिया हुआ दान जीवन से जुड़े सारे कष्टों को दूर करता है.
मकर संक्रांति का महाउपाय
मकर संक्रांति के महापर्व पर सूर्य से संबंधित दोष को दूर करने के लिए लाल चन्दन, घी, आटा, गुड़, काली मिर्च आदि का दान करें.
चंद्र ग्रह से जुड़े दोष को दूर करने के लिए चावल के साथ, कपूर, घी, दूध, दही, सफ़ेद चन्दन आदि का दान करें.
मंगल ग्रह के दोष को दूर करने के लिए गुड़, शहद, मसूर की दाल, लाल चन्दन आदि का दान करें.
बुध ग्रह के दोष को दूर करने के लिए चावल के साथ धनिया, मिश्री, सूखा तुलसी पत्ता, मिठाई, मूंग, शहद का दान करें.
बृहस्पति ग्रह से जुड़े दोष दूर करने के लिए शहद, हल्दी, दाल, रसदार फल, केला आदि का दान करें.
शुक्र दोष के लिए मिश्री, सफ़ेद तिल, जौ, चावल, आलू, इत्र आदि का दान करें.
मान्यता है कि इस महापर्व पर शनिदेव अपने पिता सूर्यदेव से मिलने के लिए आते हैं. ऐसे में इस दिन सूर्यदेव के साथ शनिदेव की पूजा और उपाय भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं. यदि आपकी कुंडली में शनि दोष है तो उसे दूर करने के लिए मकर संक्रांति के दिन काला तिल, सफ़ेद तिल, सरसों का तेल और अदरक अन्य सामग्री के साथ दान करें.
मकर संक्रांति पर जरूर करें ये पांच कार्य
मकर संक्रांति पर तिल के तेल से मालिश अवश्‍य करनी चाहिए.
मकर संक्रांति पर तिल का उबटन लगाए. मान्यता है कि इस दिन तिल के उबटन को लगाने पर शरीर कांतिमान बना रहता है और व्यक्तित्व में निखार आता है.
यदि किसी नदी या सरोवर तीर्थ आदि में न जा पाएं तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
सुख-सौभाग्य और श्री की प्राप्ति के लिए पूजा के बाद तिल से हवन करें.
मकर संक्रांति के दिन तिल से बने खाद्य पदार्थ का सेवन करें.


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