गलती से भी इस दिशा में न लगाएं केले का पेड़

Update: 2023-06-07 16:53 GMT
ज्यादातर लोग अपने घरों में केले का पेड़ लगाते हैं। लेकिन वास्तु के नियमों का पालन नहीं करना। जिससे इसका बुरा प्रभाव पड़ने लगता है। इसीलिए वास्तु में केले के पेड़ को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं। जानिए उनके बारे में।
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की तरह केले के पेड़ को भी पवित्र और शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार केले के पेड़ में भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति का वास होता है। इसलिए इसे घर में लगाना बेहद शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार बृहस्पति सुख, समृद्धि, संयम, सात्विकता, आध्यात्मिकता और वैवाहिक सुख का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में केले के पेड़ के वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए। अगर केले का पेड़ घर में गलत जगह लगा हो या उसकी ठीक से देखभाल न की जाए तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वास्तुशास्त्र ने केले के पेड़ के संबंध में कुछ नियम बताए हैं। इसी तरह बताया गया है कि किस दिशा में केले का पेड़ बिल्कुल नहीं लगाना चाहिए।
इस दिशा में केले के पेड़ न लगाएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार केले का पेड़ कभी भी घर के पूर्व-दक्षिण, दक्षिण दिशा और पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए। माना जाता है कि इस दिशा में पेड़ लगाने से पूरा फल नहीं मिलता है।
घर के मुख्य द्वार के सामने केले का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में केले का पेड़ लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसके आसपास किसी भी तरह के कांटेदार पेड़-पौधे न लगाएं। भले ही वह गुलाब का पौधा ही क्यों न हो।
याद रखें केले के पेड़ से जुड़े ये वास्तु नियम
अच्छे परिणाम के लिए केले के पेड़ के आस-पास की जगह को हमेशा साफ रखें। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा मां लक्ष्मी पर हो जाती है।
वास्तु के अनुसार अगर केले के पेड़ का कोई पत्ता मुरझा जाए या क्षतिग्रस्त हो जाए तो उसे तुरंत काट दें।
केले के पेड़ में हमेशा साफ पानी डालें। बर्तन और कपड़े धोने से बचा हुआ पानी न फेंके। क्योंकि केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। ऐसे में गंदा पानी डालना उन्हें गुस्सा दिला सकता है।
केले के पेड़ को सींचते समय इस बात का ध्यान रखें कि नहाने के बाद अतिरिक्त पानी नहीं रखना चाहिए।
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