विवाह के लिए लड़की चुनते समय भूलकर भी न करें ये गलती, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य अपनी रणनीतियों को लेकर जाने जाते हैं। वो चाणक्य ही थे जिन्होंने अपनी नीतियों के दम पर ही एक साधारण बालक चंद्रगुप्त मौर्य को मगध का सम्राट बना दिया था।

Update: 2022-03-20 03:19 GMT

आचार्य चाणक्य अपनी रणनीतियों को लेकर जाने जाते हैं। वो चाणक्य ही थे जिन्होंने अपनी नीतियों के दम पर ही एक साधारण बालक चंद्रगुप्त मौर्य को मगध का सम्राट बना दिया था। आचार्य चाणक्य ने अपनी इन नीतियों कि समझ के आधार पर ही नीति शास्त्र की रचना की थी। नीतिशास्त्र की बातें लोगों को कटु अवश्य लगती हैं, लेकिन यह जीवन की सच्चाई से अवगत कराती है। चाणक्य द्वारा रचित नीतिशास्त्र में जीवन के हर क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण बातों का जिक्र है। अगर कोई व्यक्ति इन बातों का ध्यान रखता है तो व्यक्ति समस्याओं से तो बच ही सकता है साथ ही एक संतुष्ट और सफल जीवन भी व्यतीत कर सकता है। आचार्य चाणक्य ने विवाह, गृहस्थी, रिश्तों को अच्छे से निभाने जैसे मुद्दों पर चाणक्य नीति में बहुत काम की बातें बताई हैं। विवाह के लिए अच्छा, संस्कारी जीवनसाथी मिलना बहुत किस्मत की बात होती है। विशेष रूप से सर्वगुण सम्पन्न लड़की से विवाह होने से न सिर्फ लड़के की बल्कि पूरे परिवार की किस्मत बदल जाती है। चाणक्य नीति के मुताबिक किसी भी पुरुष को उसी लड़की से विवाह करना चाहिए, जिसमें कुछ विशेष गुण हों। सुंदरता के आधार पर लिया गया निर्णय जीवन भर पछतावे का कारण बन सकता है। आइए जानते क्या कहती है चाणक्य नीति इस बारे में-

चाणक्य नीति के मुताबिक किसी भी पुरुष को उसी लड़की से विवाह करना चाहिए, जिसमें कुछ विशेष गुण हों।

वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्.

रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले..

इस श्लोक में चाणक्य के मुताबिक बुद्धिमान व्यक्ति विवाह के लिए स्त्री के चेहरे की सुंदरता को नहीं देखता, बल्कि उसके गुणों को देखता है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्री के संस्कार और शिक्षा को ज्यादा महत्व देना चाहिए।

चाणक्य नीति के अनुसार स्त्री की सुंदरता के मोह में पड़कर यदि किसी विवाह का निर्णय लिया गया है तो यह व्यक्ति की बड़ी भूल साबित हो सकती है। विवाह के लिए बाहरी सुंदरता से ज्यादा आवश्यक उसके गुण होने चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्री के संस्कार और शिक्षा को ज्यादा महत्व देना चाहिए।

आचार्य चाणक्य का कहना है कि पुरुष के साथ-साथ स्त्री को भी धर्म-कर्म के प्रति आस्था जरूरी है।उनका कहना है कि आप जिस स्त्री से विवाह करने जा रहे हैं तो यह देखना चाहिए कि वह स्त्री धर्म कर्म में आस्था रखती है या नहीं।

जिस स्त्री का विवाह जबरदस्ती हो रहा है वो आपको कभी खुश नहीं रख सकती और न ही सम्मान दे सकती है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी स्त्री से कभी विवाह नहीं करना चाहिए जो अपनी इच्छा से विवाह न कर रही हो। जिस स्त्री का विवाह जबरदस्ती हो रहा है वो आपको कभी खुश नहीं रख सकती और न ही सम्मान दे सकती है।

ऐसी स्त्रियों से विवाह करें जो आपमें अपने पिता का अक्स देखती हैं।

आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी स्त्रियों से विवाह करें जो आपमें अपने पिता का अक्स देखती हैं। दरअसल, स्त्री के मन में यह भाव रहता है कि उसका पति उसके पिता के समान ही उसका ख्याल रखे। ऐसी स्त्रियां भविष्य में आपको कभी भी धोखा नहीं देगी।


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