घर के मुख्य दरवाजे को बनवाते समय बिल्कुल भी न करें ये गलतियां, जानिए क्या ?
आज के समय में हर कोई सक्सेसफुल इंसान बनना चाहता है। इसलिए वह हर तरह के जतन करता है
आज के समय में हर कोई सक्सेसफुल इंसान बनना चाहता है। इसलिए वह हर तरह के जतन करता है। लेकिन इसके बावजूद सफलता प्राप्त नहीं होती है। सफल व्यक्ति बनने के लिए मेहनत और किस्मत दोनों का मजबूत होना जरूरी माना जाता है। ऐसे में घर का वास्तु दोष व्यक्ति के जीवन में बहुत ही जरूरी चीज मानी जाती है। आमतौर पर जब कोई घर का निर्माण कराता है तो वास्तु के नियमों को जरूर पालन करता है। लेकिन मुख्य द्वार को अनदेखा कर देते हैं जिसके कारण तरक्की में अड़चने आनी शुरू हो जाती है। अगर आप मेन गेट के इन वास्तु संबंधी चीजों को ध्यान रखेंगे तो कभी भी घर में धन-धान्य की कमी नहीं होगी।
मुख्य द्वार संबंधी वास्तु नियम
जब भी मेन गेट बनवा रहे हैं तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि वह टी-जंक्शन या टी-चौराहे के सामना न बना हो। क्योंकि वास्तु के अनुसार घर में अनिष्ट शक्तियों अधिक घुसने लगती है।
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार की स्थिति घर के बीचों-बीच में नहीं होनी चाहिए।
घर के प्रवेश द्वार में किसीभी तरह की छाया नहीं पड़नी चाहिए। इसलिए खंभा, पेड़ या किसी अन्य चीजें मुख्य द्वार की ओर नहीं होना चाहिए।
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार की ओर जाने वाला रास्ते में अंधेरा नहीं होना चाहिए क्योंकि यह निगेटिव एनर्जी को आकर्षित करता है। जिसके कारण घर में रहने वाले लोगों के बीच तनाव हो सकता है। इसलिए हमेशा प्रवेश द्वारा में प्रकाश आना चाहिए। इससे घर में समृद्धि को आकर्षित होगी।
घर का मुख्य द्वार इस तरह होना चाहिए कि बाहर से आना व्यक्ति आसानी से प्रवेश कर सकें।
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार के सामने कभी भी लिफ्ट या फिर सीढ़ी नहीं होनी चाहिए। क्योंकि इससे घर में निगेटिव एनर्जी अधिक आती है।
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार जमीन से जुड़ा नहीं होना चाहिए हमेशा सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए जैसे 3, 5, 7, 11 आदि।
वास्तु के अनुसार, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मुख्य द्नार को हमेशा साफ-सुथरा रखें। क्योंकि मुख्य द्वार के पास कचरा और कूड़ेदान रखने से नकारात्मक ऊर्जा अधिक बढ़ जाती है।
मुख्य द्वार के ऊपर एक घोड़े की नाल लगा सकते हैं। वास्तु के अनुसार, यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा देता है।