भवन को बनवाते समय भूलकर भी न करें इन वास्तु नियमों की अनदेखी
सपनों का आशियाना बनाते समय भूलकर भी न करें इन वास्तु नियमों की अनदेखी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- वास्तु शास्त्र एक ऐसा विषय है जो सदियों से मनुष्य को सही दिशा दिखाने और उसे सुखी और समृद्ध बनाने का माध्यम रहा है. मंदिर हो या मकान सभी को वास्तु ने शुभ-समृद्ध करने के नियम दिये हैं. बावजूद इसके अक्सर इंसान इन नियमों की अनदेखी या फिर कहें लापरवाही करते हुए अपने भवन में कुछ ऐसा निर्माण करवा बैठता है जो गंभीर वास्तु दोष का कारण बनता है. यही कारण है कि कई बार कल-कारखाने खुलने के कुछ दिन बाद ही बंद हो जाते हैं या फिर कहें नया मकान कुछ लोगों के लिए शुभ नहीं साबित होता है. आइए जानते उन वास्तु नियमों को जिन्हें हमें अपने भवन को बनवाते समय हमेशा ध्यान में रखना चाहिए.
घर के प्रवेश द्वार पर अन्दर व बाहर गणेश जी को प्रतिष्ठित करने से प्रवेश द्वार सम्बन्धी दोष दूर हो जाते हैं और नकारात्मक शक्तियों करने से दुखों व कष्टों से मुक्ति मिलती है.
ब्रह्म स्थान को सदा साफ रखना चाहिये, वहां पर कोई भी गन्दी या अपवित्र वस्तु नही रखी जानी चाहिये. ब्रह्म स्थान को हमेशा खुला रखें और वहां पर उचित प्रकाश की व्यवस्था करें.
वास्तु के अनुसार किसी भी भवन के ईशान कोण में गन्दगी कभी नही होनी चाहिए अन्यथा पूजा में मन नही लगता व चरित्र का नाश होता है.
रसोई घर की दीवार कभी भी टूटी-फूटी नही होनी चाहिए और वहां गंदगी नही होनी चाहिए, नहीं तो इस वास्तु दोष के कारण घर की स्त्री का जीवन कष्ट पूर्ण और संघर्षशील बना रहेगा.
भवन के प्रवेश द्वार पर घोड़े की नाल जो कि U प्रकार की होती, उसे लगाने से जादू टोने से मुक्ति मिलती है. इस उपाय को करने से खुशहाली और समृद्धि आती है.
ईशान कोण में शौचालय होने पर उसका प्रयोग बन्द करके उसमें स्नान घर बना लेना चाहिये.
छात्रो को पढ़ाई करते समय उत्तर दिशा या ईशान दिशा में बैठना चाहिये. गलत दिशा में अध्ययन करने से पढ़ाई में मन नहीं लगता और तमाम तरह की बाधाएं आती हैं.
घर में आये अतिथियों को हमेशा वायव्य और ईशान कोण में ठहराना चाहिये. भूलकर भी नैऋत्व कोण में मेहमानों को नही ठहराना चाहिये, अन्यथा उनसे सम्बन्ध बिगड़ते हैं, खर्चा बढ़ता है व मेहमान जाने का नाम नही लेते हैं.
किसी भवन के वायव्य कोण में नौकरो को नही बैठाना चाहिये, नही तो नौकर टिकते नही और जल्दी काम छोड़कर भाग जाते हैं.
कोर्ट-कचहरी से सम्बंधित सभी कागजात एवं फाईले इत्यादि आग्नेय कोण में रखनी चाहिये.