लोक आस्था का महापर्व चैती छठ की शुरुआत नहाय खाये के साथ 25 मार्च से हो रही है. बिहार, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश में इस लोक आस्था के महापर्व को बड़े ही आस्था के साथ मनाते हैं. आपको बता दें कि छठ का पर्व साल भर में 2 बार मनाया जाता है. मार्च या अप्रैल के महीने में चैती छठ (Chaiti Chhath Puja Do’s and Don’ts) और दूसरा कार्तिक मास अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है. गौरतलब है कि यह चार दिनों तक चलने वाला महान पर्व है, इस पर्व में महिलाएं लगभग 36 घंटे का लंबा व्रत करती हैं, इसलिए यह व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है. इस महत्वपूर्ण पूजा (Chaiti Chhath Puja Do’s and Don’ts) को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिन्हें पर्व के चार दिनों तक पालन करना चाहिए. ताकि आपकी पूजा बिना किसी विघ्न के सफल हो सके.
छठ पूजा के दौरान करें ये काम –
1- छठ पूजा में साफ सफाई का विशेष महत्व माना गया है, इसलिए व्रत रखने वाले व्यक्ति को रहने, खाने, सोने और प्रसाद बनाने की जगह बहुत साफ-सुथरी रखनी चाहिए.
2- छठ पूजा के दौरान प्रसाद और उपवास का भोजन मिट्टी के चूल्हे पर बनाना चाहिए और आम की लकड़ियों का प्रयोग करना चाहिए.
3- व्रत के प्रसाद को कहीं ऐसी जगह रखना चाहिए, जहां बच्चे या कोई भी व्यक्ति आसानी से न पहुंच पाए. क्योंकि अक्सर लोग बिना हाथ धुले ही प्रसाद को छू लेते हैं.
4- व्रत करने वाले व्यक्ति को चार दिनों तक खाट या बेड पर न सोकर फर्श पर सोना चाहिए.
5- व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
6- पूजा के दौरान सिंदूर, कुमकुम, आलता, मेहंदी, पीतल का सूप, शक्करंकदी का इस्तेमाल करना चाहिए.
छठ पूजा के दौरान भूलकर न करें ये काम –
1- छठ पूजा चार दिन चलती है और इस दौरान व्रत रखने वाले इंसान को मांसाहारी भोजन, मदिरा पान और प्याज-लहसुन से दूरी बनाकर रखनी चाहिए और तो और जिस घर में ये पूजा हो रही है, वहां के लोग और व्रती के परिवार के लोगों को भी पूजा के दौरान मांसाहारी भोजन, मदिरा पान और प्याज-लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए.
2- व्रत करने वाले व्यक्ति को किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए और ना ही क्रोध करना चाहिए.
3- इस पूजा में सूर्य को अर्ध्य देना बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए अर्ध्य देने के लिए शीशे या स्टील के बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि तांबे या पीतल के लोटे का प्रयोग करना शुभ माना जाता है.
4- पूजा करते वक्त काला,सफेद रंग का कपड़ा नहीं धारण करना चाहिए.
5- छठ पूजा के दौरान किसी भी जीव को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए.