पूजा करते समय चाहते है तत्काल लाभ तो भूलें नहीं इन बातों को

Update: 2023-06-08 15:33 GMT
हम सभी के घर में भगवान का मंदिर होता है लेकिन अज्ञानतावश हम कुछ गलतियां कर जाते हैं। पूजन के लिए कुछ आसान से नियम निर्धारित हैं। यह नियम शास्त्रों में वर्णित हैं। इनके अनुसार पूजन करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है। कई बार हम दिनरात ईश्वर का स्मरण करते हैं लेकिन फल नहीं मिलता है क्योंकि जानकारी न होने पर हम कुछ गलतियां कर जाते हैं। हालांकि ईश्वर सिर्फ भाव चाहते हैं किंतु सच्चे मन के साथ अगर कुछ नियमों का पालन भी कर लिया जाए तो तत्काल लाभ मिलता है। चलिए जानते हैं क्या हैं वे खास बातें जिनका ध्यान हमें अवश्य रखना ही चाहिए।
* एक घर में कम से कम पांच देवी देवताओं की पूजा होनी ही चाहिए-गणेश,शिव,विष्णु,सूर्य,दुर्गा। किसी भी देव या देवी के पूजन के प्रति संकल्प,एकाग्रता,श्रद्धा होना बहुत ही आवश्यक है।
* शिव जी को विल्व पत्र,विष्णु को तुलसी,गणेश जी को हरी दूर्वा,दुर्गा को अनेक प्रकार के पुष्प और सूर्य को लाल कनेर के पुष्प प्रिय हैं। शिवजी को सदाबहार पुष्प,विष्णु को धतूरा और देवी को आक के पुष्प नहीं चढ़ाए जाते।
* पूजा चाहे कोई भी हो, सभी में चावल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लेकिन ध्यान रहे कि पूजा में जिन भी चावलों का प्रयोग हो, वह अखंडित हों अर्थात टूटे हुए न हों। चावल चढ़ाने से पहले अगर आप उन्हें हल्दी के घोल से पीला कर लेते हैं तो यह और भी शुभ है। कभी भी धार्मिक कार्य के लिए किसी खंडित वस्तु, जैसे टूटे दीपक आदि का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
* सदैव दाएं हाथ की अनामिका एवं अंगूठे की सहायता से फूल अर्पित करने चाहिए। चढ़े हुए फूल को अंगूठे और तर्जनी की सहायता से उतारना चाहिए। फूल की कलियों को चढ़ाना मना है,किंतु यह नियम कमल के फूल पर लागू नहीं है।
* मंगल,शुक्र,रवि, अमावस्या,पूर्णिमा,द्वादशी और रात्रि और संध्या काल में तुलसी दल नहीं तोड़ना चाहिए।
* पूजा में पान का पत्ता बहुत उपयोगी माना गया है। पान के पत्ते में इलायची, लौंग, गुलकंद आदि भी डालकर पूजा करेंगे तो यह और शुभ होगा।
* अगर आप घी का दीपक जला रहे हैं तो उसमें सफेद रूई की बत्ती का उपयोग करें, वहीं अगर आप तेल का दीपक जलाते हैं तो लाल रंग की बत्ती उपयुक्त रहती है।
* घर में मंदिर कुछ ऐसे स्थापित किया जाना चाहिए जहां ताजी हवा और सूरज की रोशनी पहुंचती हो। जिन घरों में सूर्य की किरणों का प्रवेश होता है उन घरों में दोष तो वैसे ही समाप्त हो जाते हैं।
* भगवान शिव को कभी हल्दी या शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। पूजन स्थल की पवित्रता का हमेशा ध्यान रखें, चप्पल या फिर चमड़े की किसी वस्तु को पूजा स्थल में प्रवेश ना दें।
Tags:    

Similar News

-->