सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन एकादशी का व्रत इन सभी में खास माना जाता हैं जो कि हर माह के दोनों पक्षों में पड़ता हैं अभी सावन का महीना चल रहा हैं और इस माह की आखिरी एकादशी को सावन पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जा रहा हैं।
पंचांग के अनुसार सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर किया जाता हैं जो कि इस बार 27 अगस्त को पड़ रही हैं। एकादशी की तिथि भगवान विष्णु की प्रिय तिथियों में से एक मानी गई हैं और यह व्रत श्री हरि की पूजा को समर्पित होता हैं इस दिन भक्त उपवास आदि रखते हुए भगवान की विधि विधान से पूजा करते हैं लेकिन आज हम आपको अपने इस लेख में कुछ ऐसे काम बता रहे हैं जिन्हें एकादशी के दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए वरना जीवन में दुख, दरिद्रता और संकट छा जाता हैं।
पुत्रदा एकादशी पर ना करें ये काम—
पुत्रदा एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी के पौधे को जल नहीं देना चाहिए इसके अलावा इस दिन तुलसी को छूना, उसके पत्ते तोड़ना भी अच्छा नहीं माना जाता हैं इस दिन तुलसी के पौधे के आस पास साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए और भूलकर भी यहां पर जूते चप्पल नहीं उतारने चाहिए ऐसा करना अशुभ माना जाता हैं। वैसे तो हर दिन घर की साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए लेकिन एकादशी पर भूलकर भी घर को गंदा नहीं रखना चाहिए
इस दिन खासकर प्रवेश द्वार को साफ सुथरा बना कर रखें। एकादशी की पूजा में काले रंगो के वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन बच्चों के साथ बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए बल्कि श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा कर बच्चों को माखन मिश्री का प्रसाद बांटना चाहिए। एकादशी का व्रत रखने वाले साबुन, तेल का प्रयोग ना करें साथ ही इस दिन बाल धोने की भी मनाही होती हैं एकादशी के दिन तामसिक चीजों का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।