Som Pradosh Vrat इस दिन लोग पूरी आस्था और भक्ति के साथ शिव जी को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। शिव जी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए प्रदोष का व्रत सबसे उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि पूर्वक पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही भोलेनाथ की कृपा से कष्ट दूर होते हैं।
प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव जी के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है, लेकिन इस व्रत के दौरान कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है। इस दिन कुछ गलतियों के कारण आपको व्रत का शुभ फल नहीं प्राप्त होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं प्रदोष व्रत के दौरान कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए...
सोम प्रदोष व्रत के दिन घर या मंदिर में शिव जी की पूजा के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि भगवान शिव के मंदिर में शिवलिंग की कभी भी पूरी परिक्रमा न करें। परिक्रमा के दौरान जिस जगह से दूध बह रहा हो, वहां रुक कर वापस घूम जाएं।
शिव जी की पूजा में चंदन के तिलक का इस्तेमाल करना सबसे उत्तम माना जाता है। लेकिन गलती से भी शिवलिंग पर रोली और सिंदूर का तिलक न लगाएं, क्योंकि ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।
प्रदोष व्रत के दिन पूजा के दौरान शिवलिंग पर दूध, दही, शहद या कोई भी वस्तु चढ़ाने के बाद जल जरूर चढ़ाएं। आखिर में जल चढ़ाने से ही जलाभिषेक पूर्ण माना जाता है।
शिवलिंग का दूध से अभिषेक करने के लिए तांबे के कलश का इस्तेमाल न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि तांबे के पात्र में दूध डालने से दूध संक्रमित हो जाता है और चढ़ाने योग्य नहीं रह जाता है।