तुलसी को जल अर्पित करते समय बिल्कुल भी न करें ये गलतियां

वेद-शास्त्रों के अनुसार तुलसी में भगवान का वास होता है। इसी कारण इसे हर घर में लगाया जाता है, जिससे घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहें। तुलसी के पौधे की नियमित रूप से पूजा करने का विधान है।

Update: 2022-06-26 04:34 GMT

 वेद-शास्त्रों के अनुसार तुलसी में भगवान का वास होता है। इसी कारण इसे हर घर में लगाया जाता है, जिससे घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहें। तुलसी के पौधे की नियमित रूप से पूजा करने का विधान है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, रोजाना सूर्योदय से पहले जल चढ़ाने और शाम के समय तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाने से हर कष्ट दूर हो जाता है। इसके साथ ही घर का वातावरण सकारात्मक रहता है और घर में रहने वाले हर सदस्य की दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की होती है। वहीं, वास्तु शास्त्र में तुलसी को जल अर्पित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके बारे में कुछ नियम बताए गए हैं। माना जाता है कि अगर मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं, तो इन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

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तुलसी में जल चढ़ाते समय ध्यान रखें ये बातें

एकादशी के दिन न चढ़ाएं तुलसी में जल

शास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि इस दिन मां तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती है। ऐसे में जल अर्पित करने से उनका व्रत टूट जाता है। जिसके कारण वह रुष्ट हो जाती है और व्यक्ति को कई आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा एकादशी के दिन तुलसी की पत्तियां भी नहीं तोड़नी चाहिए।

समय का रखें ध्यान

शास्त्रों के अनुसार, तुलसी माता को जल हमेशा सूर्योदय से पहले करना चाहिए। आप चाहे तो सूर्योदय के समय भी कर सकते हैं। माना जाता है कि इस समय जल अर्पित करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

ऐसे कपड़े न पहनें

वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी माता को जल चढ़ाते समय ऐसे कपड़े बिल्कुल भी नहीं पहनने चाहिए, जिसमें सिलाई की गई हो। क्योंकि ऐसे वस्त्र पहनने से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।

न चढ़ाएं अधिक जल

वास्तु शास्त्र के अनुसार, माता तुलसी को अधिक जल नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि अधिक मात्रा में जल चढ़ाने से तुलसी की जड़ सड़ जाती है। जिसके कारण वह जल्द सूख जाती है। ऐसे में व्यक्ति को कई संकटों का सामना करना पड़ सकता है।


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