धर्म अध्यात्म: हिंदू धर्म में हरियाली तीज का काफी महत्व है. इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती हैं. सुहागिनें पति की लंबी उम्र की कामना के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. हरियाली तीज हर साल सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस साल इस तिथि की शुरुआत 18 अगस्त से शुरू होगी और 19 अगस्त को खत्म होगी. ऐसे में उदयातिथि के मुताबिक हरियाली तीज 19 अगस्त को मनाई जाएगी.
तृतीया तिथि शुरू- 18 अगस्त रात 8.01 मिनट पर तृतीया तिथि खत्म- 19 अगस्त रात 10.19 मिनट पर
हरे रंग का खास महत्व
इस दिन हरे रंग को खास महत्व दिया जाता है क्योंकि हरा रंग सुहाग का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा ये रंग भगवान शिव को भी अतिप्रिय है. ऐसे में महिलाएं अपने सोलह श्रृगांर में हरे रंग का इस्तेमाल जरूर करती हैं.
हरियाली तीज के दिन हरे रंग की चूड़ियां और हरे रंग की साड़ी पहनी जाती है. महिलाएं सारा दिन व्रत रखती हैं, मेहंदी लगाती हैं, तीज के गीत गाती हैं, झूला झूलती हैं और सोलहं श्रृगांर कर भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा करती हैं और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. हालांकि इस दौरान कुछ ऐसी बातें भी होती है जिनपर विशेष ध्यान देना जरूरी है नहीं तो व्रत निष्फल हो सकता है. आइए जानते हैं हरियाली तीज के दिन क्या ना करें-
भूलकर भी ना करें ये 5 काम
हरियाली तीज के दिन भूलकर भी सफेद और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इस दिन हरे रंग का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है.
इस दिन गुस्सा करने से बचना चाहिए. ना तो किसी से लड़ाई झगड़ा करना चाहिए और ना ही किसी का अपमान करना चाहिए.
हरियाली तीज के दिन व्रत के दौरान दिन में सोने से बचना चाहिए. इसके बजाय दिन तीज के गीत गाए, झूला झूलें और उत्साह से त्योहार मनाएं.
हरियाली तीज का त्योहार प्रकृति से जुड़ा हैं. ऐसे में इस दिन भूलकर भी पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.
महिलाओं को मंगलवार के लिए श्रृंगार की चीजें खरीदने से बचना चाहिए. इससे वैवाहिक जीवन में अशांति आ सकती है.