Dussehra के दिन भूलकर न करें ये गलतियां, पड़ सकता है बुरा प्रभाव

Update: 2024-10-12 05:00 GMT
Dussehra राजस्थान न्यूज़: दशहरा का त्योहार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है और इस बार यह शुभ तिथि 12 अक्टूबर शनिवार को है। दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और माँ दुर्गा ने नौ दिनों के युद्ध के बाद महिषासुर का वध किया था, इसलिए इस त्यौहार को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दशहरे के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए नहीं तो जीवन में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। आइए जानते हैं दशहरा या विजयादशमी के दिन किन खास बातों का
ध्यान रखना चाहिए.
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दशहरे के दिन का बहुत धार्मिक महत्व है, इस दिन माता रानी को विदाई दी जाती है। इसलिए इस दिन भूलकर भी किसी से बहस नहीं करनी चाहिए, ऐसा करने से घर और जीवन में नकारात्मकता अपना पैर जमा लेती है और हर तरह से निराशा देखने को मिलती है। साथ ही माता रानी की पूजा का पुण्य फल भी प्राप्त नहीं होता है। इस दिन सभी से प्यार से बात करनी चाहिए और दूसरों की मदद भी करनी चाहिए।
दशहरे के दिन शमी, पीपल, अपराजिता समेत कई पेड़-पौधों की पूजा करने का विधान है इसलिए इस दिन भूलकर भी पेड़-पौधे नहीं काटने चाहिए। पेड़-पौधे काटने से न सिर्फ जीवन में परेशानियां आती हैं बल्कि ग्रह-नक्षत्रों के अशुभ प्रभाव का भी सामना करना पड़ता है। यदि संभव हो तो दशहरे के दिन घर में जितने सदस्य हों उतने ही पेड़ लगाने चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और देवी-देवताओं की कृपा भी मिलती है।
दशहरा का दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है इसलिए इस दिन को बहुत पवित्र माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दशहरे के दिन मांस-मदिरा जैसी तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए, ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है और इसकी आदत भी डालनी चाहिए। दशहरा हो या कोई भी पवित्र दिन, हमेशा सात्विक भोजन करना चाहिए।
दशहरे के दिन भूलकर भी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करना आपके जीवन की सबसे बड़ी गलती हो सकती है क्योंकि अहंकार और अभिमान में अपमान करने से माता रानी की विशेष कृपा नहीं मिलती है। हमेशा अच्छा बोलना चाहिए और घर या घर के बाहर सभी का सम्मान करना चाहिए। कई बार आप दूसरों की इच्छा के मुताबिक काम करके उन्हें अनचाही खुशियां दे देते हैं इसलिए इस दिन आपको किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
दशहरा का दिन असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है इसलिए इस दिन भूलकर भी झूठ या कड़वे शब्द नहीं बोलने चाहिए। झूठ या कड़वे शब्द बोलकर हम नए दुश्मन बना लेते हैं, जो आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं। किसी से झूठ न बोलने या कठोर बात न करने की भी आदत डालनी चाहिए। यह आदत आपको जीवन में बहुत आगे तक ले जाएगी और माता रानी की विशेष कृपा भी बनी रहेगी।
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