शनि और मंगल के लिए कीजिये शहद के उपाय

Update: 2023-02-05 15:52 GMT

यदि आपकी कुंडली में शनि नीच का होकर बैठा है या शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या चल रही है तो लाल किताब के अनुसार शहद का अचूक उपाय करें और यदि आपकी कुंडली में मंगल चतुर्थ, सप्तम भाव, अष्टम भाव या द्वादश भाव में बैठ कर मांगलिक दोष उत्पन्न कर रहा है तो भी आप यह उपाय आजमा सकते हैं। आओ जानते हैं शनि और मंगल के लिए कीजिये शहद के उपाय

शहद एक ऐसी एंटीबायोटि‍क औषधि है, जो पूर्णत: प्राकृतिक है। सेहत और सुंदरता के लिए शहद का प्रयोग किया जाता है, लेकिन हम आपको बता रहे हैं इसके 10 ऐसे उपाय जिसका उल्लेख लाल किताब और ज्योतिष शास्त्रों में मिलता है। हालांकि उपाय तो और भी है। इन उपायों को किसी विशेषज्ञ से पूछकर ही आजमाएं।
शनि के उपाय :
1. शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या कुंडली में शनि नीच का होकर बुरे फल दे रहा है तो घर में एक मिट्टी के पात्र में शहद रखना चाहिए। घर में शहद रखने और खाने से शनि शांत रहता है।
2. शनि किसी भी प्रकार से पीढ़ा दे रहा है तो पांच शनिवार को मंदिर में शहद का दान करना चाहिए। इससे शनि के बुरे फल मिलना बंद हो जाएंगे।
मंगल के उपाय :
1. चतुर्थ भावस्थ मंगल यदि अशुभ हो, तो शहद का व्यापार कदापि न करें। मंगल चौथे भाव में मंदा होकर बैठा हो तो इसकी शुभता के लिए मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर उसे शमशान भूमि में दबा देना चाहिए। लेकिन यह उपाय किसी विशेषज्ञ से पूछकर ही करें।
1. मंगल सप्तम भाव में मंदा होकर बैठा हो तो इसकी शुभता के लिए मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर उसे सुनसान भूमि में दबा देना चाहिए। लेकिन यह उपाय किसी विशेषज्ञ से पूछकर ही करें।
2. आठवें भाव में मंगल ग्रह के अशुभ परिणामों को कम करने के लिए मट्टी के घड़े में शहद भरकर शमशान-भूमि में दफन करना शुभ बताया गया है। लेकिन यह उपाय किसी विशेषज्ञ से पूछकर ही करें।
7. बारहवें भाव में मंगल हो तो दिन की शुरुआत शहद के साथ करेंगे तो लाभ होगा। व्यय भाव में जब मंगल अशुभता लिए हुए हो, तो जातक नित्य सुबह खाली पेट शहद का सेवन करना चाहिए। जन्म कुण्डली के बारहवें भाव में मंगल मंदा होकर बैठा है तो जल में शहद मिलाकर लोगों को पिलाना चाहिए।
8. बारहवें मंगल की शांति के लिए बहते पानी में शहद बहाएं या मंगलवार को हनुमानजी को जब दिया लगाएं तो उसमें थोड़ा शहद भी डाल दें।
9. कुंडली के दूसरे भाव में यदि शुक्र बैठा है तो शहद का दान करना चाहिए। इससे मंगल का उपाय होता है जो कि संतान की समस्या दूर करता है। अगर जातक स्त्री हो तो शुक्र संतान की समस्या देता है जबकि जातक के पुरुष होने पर पुत्र संतान की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होती है।
10. शिवजी का शहद से अभिषेक करने से मंगलदोष दूर होता है और ऋ‍ण से मुक्ति भी मिलती है।
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