राधाष्टमी पर जरूर करें राधा जी के इन विशेष मंत्रो का जाप

हिंदी पंचांग के भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी का अवतरण धरती पर राधा जी के रूप में हुआ था।

Update: 2021-09-13 04:08 GMT

हिंदी पंचांग के भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी का अवतरण धरती पर राधा जी के रूप में हुआ था। राधा रानी को कृष्णप्रिया भी कहा जाता है, कृष्ण राधा जी के बिना अधूरे हैं। राधा रानी के पूजन के बिना कृष्ण की पूजा अपूर्ण मानी जाती है। इस साल राधाष्टमी का पर्व 14 सितंबर, दिन मंगलवार को पड़ रहा है। इस दिन विधि पूर्वक राधा जी के नाम से व्रत और पूजन करने से कृष्ण पूजन पूर्ण होता है और भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस दिन शास्त्रों में वर्णित राधा जी के 32 नामों का जाप करने का विशेष विधान है। ऐसा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य की प्राप्ति होती है....

शास्त्रोक्त राधा जी के नाम -
1: मृदुल भाषिणी राधा ! राधा !!

2: सौंदर्य राषिणी राधा ! राधा !!

3 : परम् पुनीता राधा ! राधा !!

4 : नित्य नवनीता राधा ! राधा !!

5 : रास विलासिनी राधा ! राधा !!

6 : दिव्य सुवासिनी राधा ! राधा !!

7 : नवल किशोरी राधा ! राधा !!

8 : अति ही भोरी राधा ! राधा !!

9 : कंचनवर्णी राधा ! राधा !!

10 : नित्य सुखकरणी राधा ! राधा !!

11 : सुभग भामिनी राधा ! राधा !!

12 : जगत स्वामिनी राधा ! राधा !!

13 : कृष्ण आनन्दिनी राधा ! राधा !!

14 : आनंद कन्दिनी राधा ! राधा !!

15 : प्रेम मूर्ति राधा ! राधा !!

16 : रस आपूर्ति राधा ! राधा !!

17 : नवल ब्रजेश्वरी राधा ! राधा !!

18: नित्य रासेश्वरी राधा ! राधा !!

19 : कोमल अंगिनी राधा ! राधा !!

20 : कृष्ण संगिनी राधा ! राधा !!

21 : कृपा वर्षिणी राधा ! राधा !!

22: परम् हर्षिणी राधा ! राधा !!

23 : सिंधु स्वरूपा राधा ! राधा !!

24 : परम् अनूपा राधा ! राधा !!

25 : परम् हितकारी राधा ! राधा !!

26 : कृष्ण सुखकारी राधा ! राधा !!

27 : निकुंज स्वामिनी राधा ! राधा !!

28 : नवल भामिनी राधा ! राधा !!

29 : रास रासेश्वरी राधा ! राधा !!

30 : स्वयं परमेश्वरी राधा ! राधा !!

31: सकल गुणीता राधा ! राधा !!

32 : रसिकिनी पुनीता राधा ! राधा !!

कर जोरि वन्दन करूं , मैं नित नित करूं प्रणाम

रसना से गाती/गाता रहूं , श्री राधा राधा नाम !!

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