Diwali Festival 2020: इस दीपावली पर पेंट करवाने से पहले इन वास्तु नियमों का जरूर रखें ध्यान, दूर होंगी परेशानियां

दीपावली पर महालक्ष्मीजी के स्वागत में कई-कई दिनों पहले से ही हम तैयारियों में जुट जाते हैं । घरों और व्यापारिक संस्थानों की साफ-सफाई, रंग-रोगन किया जाता हैं।

Update: 2020-10-31 13:51 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| दीपावली पर महालक्ष्मीजी के स्वागत में कई-कई दिनों पहले से ही हम तैयारियों में जुट जाते हैं । घरों और व्यापारिक संस्थानों की साफ-सफाई, रंग-रोगन किया जाता हैं। यदि वास्तु नियमों के अनुसार दिशाओं और रंगों को ध्यान में रखकर कार्यस्थल या घर पर पेंट करवाया जाए तो निश्चित रूप से हमें शुभ परिणाम प्राप्त होंगे और खुशियां,सफलता और समृद्धि हमारे जीवन में दस्तक देंगी।

तामसिक रंग को कहें न

सत्व, रजस व तमस इन तीन प्रकार के गुणों से रंगों का गहरा संबंध होता है। रंगों के अनुसार व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से प्रभावित होता है। तामसिक रंग गहरे होते हैं इनमें गहरे नीले, भूरे एवं काले रंग मुख्य हैं। घर की सजावट में तामसिक रंगों की अवहेलना करनी चाहिए। ये रंग व्यक्ति को सुस्त व आलसी बनाते हैं।

शुभ होते है सात्विक रंग

घर में सौहार्द वातावरण के लिए नम्र, हल्के व सात्विक रंगों का प्रयोग किया जाना चाहिए। आसमानी, हरे, सफ़ेद तथा अन्य हल्के रंगों को सात्विक रंग माना गया है। दिशा के अनुसार घर में इनका प्रयोग करना बहुत शुभ होता है। तीखे लाल, नारंगी और गुलाबी रंग रजस कहलाते हैं जो इच्छाओं में वृद्धि करते हैं।

कौनसा रंग कहां करवाएं

हल्के नीले एवं हरे रंग को वास्तु में स्वास्थ्य के प्राकृतिक स्त्रोत के रूप में देखा जाता है,ये रंग ठंडे और कोमल होते हैं व इनसे संयमित और शांतिमय विकंपन पैदा होता है,उत्तर दिशा की तरफ वाले कमरों के लिए नीला और पूर्व दिशा की तरफ के लिए हरा रंग करवाना वास्तु में अच्छा माना गया है इसके अलावा इन रंगों का प्रयोग घर के ड्राइंग रूम में करना उचित है। हल्के नीले रंग का बाथरूम भी वास्तु में शुभ माना गया है।

पीला रंग व्यक्ति के स्नायु तंत्र को संतुलित व मस्तिष्क को सक्रिय रखता है,अतः इस रंग को अध्ययन कक्ष या लाइब्रेरी में उपयोग करना लाभप्रद होगा।

बैंगनी रंग को उत्साहवर्धक एवं अवसाद का नाश करने वाला माना जाने के कारण इसका उपयोग योग व साधना कक्ष या पूजा स्थल में शुभ होता है।

कमरे की छत को सफ़ेद रंग से पेंट करने पर कमरे में अधिक ऊष्मा व प्रकाश रहेगा पर पूरे कमरे में सफ़ेद रंग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वास्तु में इस रंग को अल्पजीवी माना गया है।

गुलाबी, लाल, नारंगी रंग आपसी संबंधों को सुदृढ़ बनाते है अतःशयन कक्ष में दक्षिण दिशा की तरफ इन रंगों का प्रयोग लाभकारी सिद्ध होगा। आग्नेय कोण में बनी रसोईघर में भी हल्का लाल या नारंगी  रंग शुभ फलों में वृद्धि करता है। पश्चिम दिशा में क्रीम, स्लेटी, सुनहरा, हल्का पीला या लाइट ब्लू रंग लाभकारी होगा। घर के मुख्य द्वार के लिए रंग का चुनाव घर की दिशा के आधार पर किया जाना चाहिए,ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जाओं में वृद्धि होगी एवं पर्यावरण सौहार्दपूर्ण बनेगा।

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