Diwali: 300 ईसा पूर्व कौमुदी महोत्सव पर होता था दीपदान ,जाने पौराणिक कथा

Update: 2024-10-31 06:35 GMT
Diwali राजस्थान न्यूज : इस साल दिवाली की तारीख को लेकर लोगों में काफी असमंजस की स्थिति है. दरअसल, इस बार फिर दिवाली की तारीख 31 अक्टूबर और 1 नवंबर आ रही है. ऐसे लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वे किस दिन दिवाली मनाएं. तो आज हम आपको बताएंगे कि दीपावली का त्योहार मनाने के लिए कौन सा दिन सबसे अच्छा है। साथ ही जानेंगे लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त.
कलावा, रोली, सिन्दूर, एक नारियल, अक्षत, लाल कपड़ा, फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश के लिए आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुंड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध) , दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाई, पूजा का आसन, हल्दी, अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रुई, आरती यदि पूजा सामग्री में थाली कुशा, रक्त चंदन, श्रीखंड चंदन शामिल करना चाहिए। लक्ष्मी गणेश की पूजा करनी चाहिए.
साल 2024 में दिवाली कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे शुरू हो रही है। अमावस्या तिथि 1 नवंबर को शाम 5:13 बजे समाप्त होगी। ऐसे में दिवाली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी.
दिवाली 31 अक्टूबर को क्यों मनाई जानी चाहिए?
31 अक्टूबर को दिवाली मनाना अधिक शुभ फलदायी रहेगा. हालांकि, कई जगहों पर दिवाली का त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा. दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जानी चाहिए क्योंकि इस दिन रात में अमावस्या रहेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या की रात मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और भक्तों के घर जाती हैं।
लक्ष्मी पूजा 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे से 1 नवंबर को शाम 5:13 बजे तक रहेगी. दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का सर्वोत्तम समय सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल और स्थिर लग्न में होता है। ये सभी मुहूर्त 31 अक्टूबर को ही मिलेंगे।
दिवाली पूजा का पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 5:36 बजे से शाम 6:15 बजे तक
स्थिर लग्न में वृषभ लग्न मुहूर्त- शाम 6:28 बजे से रात 8:24 बजे तक
सिंह लग्न का मुहूर्त- दोपहर 12:56 बजे से 3:10 बजे तक रहेगा.
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