Dhanteras : धनतेरस से शुरू होगा दीयों का महापर्व, जाने वाले महाउपाय
जीवन की तमाम जरूरतों को पूरा करने के लिए धन की जरूरत पड़ती है और इसी धन की वृद्धि से जुड़ी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने का पावन पर्व है धनतेरस.
दीपों के महापर्व दीपावली से ठीक दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार पड़ता है. कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि यानि धनतेरस से ही पंच पर्व की शुरुआत होती है. इस साल धनतेरस का महापर्व 02 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा. मान्यता है कि धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा करने पर पूरे साल आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहती है और घर में धन–धान्य का भंडार हमेशा भरा रहता है. इस दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने पर साधक को पूरे साल रोगों से मुक्ति मिलती है और वह स्वस्थ एवं सुखी जीवन व्यतीत करता है.
शुभता के लिए करें इन चीजों की खरीददारी
धनतेरस का दिन किसी भी चीज की खरीददारी करना अत्यंत शुभ माना गया है. मान्यता है कि इस दिन घर में कोई नई चीज लाने पर साल भर सुख–संपत्ति का वास बना रहता है. इसी शुभता को ख्याल में रखते हुए लोग दीपावली के दिन पूजी जाने वाली गणेश–लक्ष्मी की मूर्ति से लेकर उनकी पूजा में प्रयोग किये जाने वाले सभी सामान को भी धनतेरस के दिन ही खरीदते हैं. इस दिन लोग मूल्यवान धातुओं से बने आभूषण एवं नए बर्तनों की विशेष रूप से खरीददारी करते हैं. धनतेरस के दिन पीतल, झाड़ू, अक्षत, धनिया आदि को खरीद कर लाना बहुत शुभ माना जाता है.
कुबेर देवता की पूजा का उपाय
धनतेरस का पावन पर्व धन और आरोग्य से जुड़ा हुआ है. इस दिन भगवान धन्वन्तरि, कुबेर देवता और यम देवता की विशेष रूप से साधना–आराधना होती है. धनतेरस पर कुबेर देवता की पूजा करने के बाद रात को 21 चावल के दाने लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या पैसे रखने वाली जगह पर रखना चाहिए. इस उपाय को करने पर धन का कोष हमेशा भरा रहता है.
सुख–समृद्धि के लिए करें ये उपाय
धन से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के लिए धनतेरस के दिन घर के मुख्य द्वार पर अखंड दीपक जरूर जलाना चाहिए. शुभता की दृष्टि से इस दिन जलाए गये दीपक को भैया दूज तक जलाए रखना होता है. धनतेरस के दिन मुख्य द्वार पर मिट्टी या फिर आटे का बना चौमुखा दीपक जलाया जाता है. मान्यता है कि यदि मुख्य द्वार पर जलाया गया अखंड दीपक धनतेरस की पूरी रात जलता है तो अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और घर के सारे दोष दूर हो जाते हैं.