Dhanteras 2020: जानिए धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की क्या है मान्यता

धनतेरस पर्व 13 नवंबर को है।

Update: 2020-11-03 14:25 GMT

Dhanteras 2020 in India: जानिए धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की क्या है मान्यता 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  Dhanteras 2020 in India: धनतेरस पर्व 13 नवंबर को है। यह पर्व दीपावली के एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन खरीदारी करने का महत्व है। मान्यता के अनुसार, धनतेरस पर खरीदी गई वस्तु जल्द खराब नहीं होती है, बल्कि उसमें तेरह गुना वृद्धि हो जाती है। इसलिए लोग धनतेरस पर सोना, चांदी, भूमि, वाहन और बर्तन इत्यादि चीजों की खरीदारी करते हैं। अन्य वस्तुओं की तरह इस दिन झाड़ू खरीदने की भी अनोखी परंपरा रही है। आइए जानते हैं धनतेरस के दिन झाड़ू क्यों खरीदते हैं और इसका महत्व क्या है। 

शास्त्रों के अनुसार

मत्स्य पुराण के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। वहीं बृहत संहिता में झाड़ू को सुख-शांति की वृद्धि करने वाली और दुष्ट शक्तियों का सर्वनाश करने वाली बताया है। झाड़ू को घर में दरिद्रता को हटाने का कारक बताया गया है और इसके इस्तेमाल से मनुष्य की दरिद्रता भी दूर होती है। साथ ही इस दिन घर में नई झाड़ू से झाड़ लगाने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।

झाड़ू के चलते हुई द्रोपदी की शादी

भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में झाड़ू से अर्जुन-द्रोपदी की शादी होने, दुर्बलता से शक्ति प्राप्त करने और धनाढ्य होने की कहानी को बताया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार द्रोपदी की शादी अर्जुन से नहीं हो पा रही थी तब एक उपाय किया गया था और जिसके बाद घर में झाड़ू से झाड़ लगायी गयी। माना जाता है कि इसके बाद ही द्रोपदी और अर्जुन की शादी हो गयी थी।

झाड़ू को घर पर इस तरह रखें

शुरू से ही झाड़ू को घर में छिपा कर रखने और सही स्थान पर रखने की परंपरा रही है। झाड़ू को कभी भी खड़ा करके नहीं रखना चाहिए। मान्यता यह भी है कि झाड़ू को खड़ा रखने से शत्रु बाधा उत्पन्न करते है। इसलिए झाड़ू को लिटा कर या छुपा कर रखा जाता है जिससे दुष्ट शक्ति और शत्रुओं की परेशानी नहीं झेलनी पड़ती है।

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