Devshayani Ekadashi 2021 Date: कब है देवशयनी एकादशी? जानें तिथि, पारण समय एवं पूजा, महत्व

देवशयनी एकादशी को आषाढ़ मास की सबसे महत्वपूर्ण एकादशी माना जाता है। इस दिन से चतुर्मासा का प्रारंभ होता है। जागरण अध्यात्म में जानते हैं कि इस वर्ष देवशयनी एकादशी कब है उसकी तिथि पूजा मुहूर्त पारण समय एवं महत्व क्या है?

Update: 2021-07-13 03:30 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Devshayani Ekadashi 2021 Date: देवशयनी एकादशी को आषाढ़ मास की सबसे महत्वपूर्ण एकादशी माना जाता है। इस दिन से चतुर्मासा का प्रारंभ होता है। हिन्दी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहते है। इसे पद्मा एकादशी, आषाढ़ी एकादशी या हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु समेत सभी देवी-देवता योग निद्रा में चले जाते हैं। इस सृष्टि के संचालक भगवान शिव होते हैं। चतुर्मास के समय में भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा होती है। चार मास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है। देवउठनी एकादशी को जब भगवान विष्णु योग निद्रा से बाहर आते हैं, तब मांगलिक कार्य प्रारंभ होते हैं। जागरण अध्यात्म में जानते हैं कि इस वर्ष देवशयनी एकादशी कब है, उसकी तिथि, पूजा मुहूर्त, पारण समय एवं महत्व क्या है?

देवशयनी एकादशी ​2021 तिथि
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 19 जुलाई को रात 09 बजकर 59 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 20 जुलाई को शाम 07 बजकर 17 मिनट तक है। ऐसे में उदया तिथि 20 जुलाई को प्राप्त हो रही है, तो देवशयनी एकादशी व्रत 20 जुलाई को ही रखा जाएगा।
देवशयनी एकादशी ​2021 पारण समय
जो लोग देवशयनी एकादशी का व्रत रखेंगे, वे लोग 21 जुलाई को प्रात: 05 बजकर 36 मिनट से सुबह 08 बजकर 21 मिनट के बीच व्रत का पारण करेंगे। ध्यान रखने वाली बात ये है कि द्वादशी तिथि के समापन से पूर्व व्रत का पारण कर लेना चाहिए। द्वादशी तिथि का समापन शाम को 04 बजकर 26 मिनट पर होगा।
देवशयनी एकादशी का महत्व
देवशयनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। उसके सभी कष्ट मिट जाते हैं। मृत्यु के बाद श्रीहरि की कृपा से उस व्यक्ति को बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है।


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