विवाह में देरी, प्रमोशन में बाधा यदि आती हैं ऐसी समस्या तो आपकी की कुंडली में हो सकता है ये खतरनाक दोष

कुंडली में ये खतरनाक योग कैसे बनता है, आइए जानते हैं-

Update: 2022-02-25 18:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष को एक खतरनाक योग माना गया है. मान्यता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष की स्थिति बनती है.उसका जीवन कठिनाइयों से भर जाता है. ये भी देखा गया है कि प्रतिभाशाली होने के बाद भी उसे वो सफलता नहीं मिलती है जिसका वो हकदार होता है. कुंडली में ये खतरनाक योग कैसे बनता है, आइए जानते हैं-

राहु और केतु से बनता है 'पितृ दोष'
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म कुंडली में जब नवम भाव में राहु या केतु विराजमान हो जाएं तो व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित माना जाता है. पितृ दोष की स्थिति को इस लक्षणों के आधार पर भी समझा जा सकता है-
पितृ दोष की स्थिति में कुंडली में होने पर घर में विवाद की स्थिति बनी रहती है.
घर के बड़ों का सम्मान धीरे धीरे कम होने लगता है.
घर के मुखिया को अपमान सहना पड़ता है.
कलह और तनाव की स्थिति बनी रहती है.
घर में प्रवेश करते हैं मन खराब होने लगता है.
दांपत्य जीवन में मधुरता नहीं रहती है और निरंतर हानि बनी रहती है. जमा पूंजी नष्ट हो जाती.
व्यक्ति कर्ज में डूब जाता है.
बुरी संगत में पड़ जाता है.
विवाह में देरी होती है.
प्रमोशन में बाधा आती है.
घर में कोई न कोई बीमार रहता है.
पितृ दोष का उपाय
पितृ दोष का उपाय करने के लिए पितृ पक्ष का समय सबसे उत्तम माना गया है. इस वर्ष पितृ पक्ष 10 सितंबर से 25 सितंबर 2022 तक है.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध देना चाहिए. पितरों को याद करना चाहिए. पूजा करते समय पितरों का स्मरण करें जीवन में होने वाली गलतियों के लिए माफी मांगे. कुत्ता, मछली और कौओं को भोजन दें. गाय को रोटी दें. इसके साथ ही अमावस्या की तिथि को पीपल के वृक्ष को जनेऊ अर्पित करें. इसके साथ ही अमावस्या की तिथि पर भी पितरों को याद कर उनके प्रति आदर-सम्मान व्यक्त करना चाहिए.


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