वास्तु के अनुसार तय करें घर की दीवारों का रंग, जीवन में आएगी सकारात्मकता
वास्तु का हमारे जीवन में बड़ा महत्व माना जाता हैं और इसमें बताई गई बातें हमारे जीवन में सकारात्मकता का संचार करती हैं। वास्तु में घर से जुड़ी कई बातें बताई गई है। आज इस कड़ी में हम आपके लिए घर की दीवारों के रंग से जुड़े वास्तु टिप्स लेकर आए हैं जो घर में सकारात्मकता के साथ ही बरकत लाने का काम करती हैं। तो आइये जानते हैं वास्तु के अनुसार कैसी हो घर की दीवारें।
- पश्चिम की दीवार या कक्ष के लिए नीले रंग की सलाह दी जाती है। आप नीले रंग के साथ बहुत कम मात्रा में सफेद रंग का उपयोग भी कर सकते हैं।
- पश्चिम-उत्तर की दीवार को वायव्य कोण कहते हैं। वायव्य दिशा में बने ड्राइंग रूम में हलका स्लेटी, सफेद या क्रीम रंग का प्रयोग भी किया जा सकता है।
- पूर्व की दीवार पर सफेद या हल्का नीला रंग कर सकते हैं।
- दक्षिण-पूर्व के बीच आग्नेय कोण होता है। यदि कोई दीवार आग्नेय में है या नहीं है तो भी इस स्थान की साज-सज्जा में नारंगी, पीले या सफेद रंग का प्रयोग उचित होता है।
- दक्षिण भाग में नारंगी रंग का प्रयोग करना चाहिए।
- दक्षिण-पश्चिम की दीवार या कक्ष को नैऋत्य कोण कहा जाता है। इसमें भूरे, ऑफ व्हाइट या भूरा या हरा रंग प्रयोग करना चाहिए।
- उत्तर की दीवार की साज-सजा में हल्के हरे रंग या पिस्ता हरे रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए। हालांकि आप आसमानी रंग का प्रयोग भी कर सकते हैं।
- उत्तर-पूर्व को ईशान कोण कहते हैं। इस दिशा में आकाश ज्यादा खुला होता है। इस दिशा की दीवार का रंग आसमानी, सफेद या हल्के बैंगनी रंग का होना चाहिए। हालांकि इसमें पीले रंग का प्रयोग इसलिए करना चाहिए, क्योंकि यह देवी और देवताओं का स्थान होता है।