सीता जन्मोत्सव पर करे जानकी स्तुति का संपूर्ण पाठ होगा दुखो का नाश

Update: 2023-04-28 13:16 GMT

धार्मिक पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर सीता नवमी का पावन पर्व देशभर में मनाया जाता है। जो कि इस बार 29 अप्रैल दिन शनिवार यानी कल पड़ रही है। ये दिन माता सीता की आराधना व पूजा को समर्पित है मान्यता है कि इसी पावन दिन पर देवी सीता का जन्म हुआ था। जिसे सीता नवमी, सीता जन्मोत्सव और जानकी जयंती के नाम से जाना जाता है।

इस दिन साधक माता सीता के संग भगवान श्रीराम की विधिवत पूजा करते है और दिनभर उपवास रखते है। ऐसा करने से देवी मां और भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है सीता नवमी के पावन दिन पर राम सिया के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है इस दिन व्रत आदि के साथ साथ अगर माता सीता की स्तुति पढ़ी जाए तो जीवन के सभी दुखों का नाश हो जाता है साथ ही साथ सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं जानकी स्तुति का संपूर्ण पाठ।
॥ श्री जानकी स्तुतिः ॥
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ।
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥1॥

दारिद्र्यरणसंहत्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।
विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥2॥

भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम् ।
पौलस्त्यैश्वर्यसन्त्री भक्ताभीष्टां सरस्वतीम् ॥3॥

पतिव्रताधुरीणां त्वां नमामि जनकात्मजाम् ।
अनुग्रहपरामृद्धिमनघां हरिवल्लभाम् ॥4॥

आत्मविद्यां त्रयीरूपामुमारूपां नमाम्यहम् ।
प्रसादाभिमुखीं लक्ष्मीं क्षीराब्धितनयां शुभाम् ॥5॥

नमामि चन्द्रभगिनीं सीतां सर्वाङ्गसुन्दरीम् ।
नमामि धर्मनिलयां करुणां वेदमातरम् ॥6॥

पद्मालयां पद्महस्तां विष्णुवक्षस्थलालयाम् ।
नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभाननाम् ॥7॥

आह्लादरूपिणीं सिद्धि शिवां शिवकरी सतीम् ।
नमामि विश्वजननीं रामचन्द्रेष्टवल्लभाम् ।
सीतां सर्वानवद्याङ्गीं भजामि सततं हृदा ॥8॥

॥ इति श्रीस्कन्दमहापुराणे सेतुमाहात्म्ये श्रीजानकीस्तुतिः सम्पूर्णा ॥


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