Chaturmas ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में चातुर्मास को बेहद ही खास माना गया है इस दौरान पूजा पाठ, तप जप करना लाभकारी होता है लेकिन शुभ व मांगलिक कार्यों के लिए ये चार महीने अशुभ माने जाते हैं मान्यता है कि इस दौरान मांगलिक कार्यों को करने से पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है और समस्याओं का सामना करना पड़ता है यही वजह है कि साल के चार महीनों में शादी विवाह, मुंडन, छेदन और वधु विदाई जैसे कार्यों को नहीं किया जाता है इन्हीं चार महीनों को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है।
पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है इस पर विष्णु जी की पूजा की जाती है इसी दिन से भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और शिव सृष्टि का कार्य भार संभालते हैं। जिसके बाद कार्तिक मास में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु जागते हैं और तभी से मांगलिक कार्यों का आरंभ हो जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा चातुर्मास की तारीख बता रहे हैं।
कब से आरंभ हो रहा चातुर्मास—
पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास होता है इस बार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई से आरंभ होगी। वही देवउठनी एकादशी 12 नवंबर तक रहेगी। इस बीच किसी भी तरह के मांगलि कार्यों को नहीं करना चाहिए इन कार्यो पर रोक लगी होती है।
चातुर्मास में करें इनकी पूजा—
आपको बता दें कि चातुर्मास के दिनों में भगवान विष्णु के साथ साथ माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा और व्रत करना लाभकारी माना जाता है ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती है।