विनायक चतुर्थी पर करें भगवान गणेश के इस मंत्र का जाप

विनायक चतुर्थी के दिन जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा

Update: 2023-03-24 18:55 GMT
 हिन्दू धर्म में भगवान गणेश की उपासना प्रथम देवता के रूप में की जाती है। बता दें कि प्रत्येक मास में चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा का विधान है। पंचांग के अनुसार, कल यानि 25 मार्च 2023, शनिवार के दिन चैत्र मास का अंतिम चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। बता दें कि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाता और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से साधक को बल एवं बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी व्रत पूजा मुहूर्त, विधि और मंत्र।
विनायक चतुर्थी 2023 पूजा मुहूर्त 
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का शुभारंभ 24 मार्च 2023 को दोपहर 03 बजकर 29 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन यानि 25 जनवरी को दोपहर 02 बजकर 53 मिनट पर हो जाएगा। इस दिन रवि योग सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 11 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में भगवान गणेश की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।
विनायक चतुर्थी 2023 उपाय 
चैत्र मास के अंतिम चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें और मंत्रों का शुद्ध उच्चारण करें। ऐसा करने से धन की कमी दूर हो जाती है।
विनायक चतुर्थी के दिन जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भगवान गणेश की उपासना करते समय उन्हें सिंदूर का तिलक जरूर लगाएं। ऐसा करते समय 'सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्..' मंत्र का जाप करें।
चतुर्थी व्रत के दिन गणपति जी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें दूर्वा सहित 21 गुड़ से बने गोलियों का भोग लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश साधक की सभी इच्छाएं पूर्ण कर देते हैं।
विनायक चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन है वर्जित 
शास्त्रों में बताया गया है कि विनायक चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पौराणिक कथा के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन ही चंद्रमा पर मणि चुराने का आरोप लगा था।
विनायक चतुर्थी भगवान गणेश मंत्र 
1. वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा ।।
2. गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ।।
3. पार्वतीनन्दनं शम्भोरानन्दपरिवर्धनम् ।
भक्तानन्दकरं नित्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ।।
4. सर्वाज्ञाननिहन्तारं सर्वज्ञानकरं शुचिम् ।
सत्यज्ञानमयं सत्यं मयूरेशं नमाम्यहम् ।।
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