योगिनी एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप

हर महीने दो एकादशी आती हैं. हर एकादशी का अपना एक महत्व होता है. आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी योगिनी एकादशी कहलाती है.

Update: 2022-06-24 05:52 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर महीने दो एकादशी आती हैं. हर एकादशी का अपना एक महत्व होता है. आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी योगिनी एकादशी कहलाती है. निर्जला एकादशी और देवशयनी एकादशी के बीच योगिनी एकादशी व्रत रखा जाता है. बता दें कि 24 जून दिन शुक्रवार को योगिनी एकादशी है. भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करके इस दिन को और शुभ मनाया जा सकता है. कहते हैं कि कोई भी पूजा आरती के बिना अधूरी है. ऐसे में आज के दिन भी कुछ मंत्रों का जाप और आरती कर सकते हैं. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम अआपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि योगिनी एकादशी पर किन मंत्राों का जाप करें और कौन-सी आरती 

आज के दिन करें इन मंत्रों का जाप
ओम ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः
ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:
ओम नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्.
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
Ekadashi 2022: श्री विष्णु आरती
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥ 
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥
ओम जय जगदीश
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥
ओम जय जगदीश…
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
परब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ओम जय जगदीश…
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ओम जय जगदीश…
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥
ओम जय जगदीश…
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ओम जय जगदीश…
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥
ओम जय जगदीश…
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥
ओम जय जगदीश…
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
ओम जय जगदीश
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