शनिवार को इन मंत्रों का करें जाप, बनी रहेगी शनिदेव की हमेशा कृपा
आज शनिवार है और आज के दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। शनिदेव को आमतौर पर बहुत ही क्रूर देवता माना जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेसक | आज शनिवार है और आज के दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। शनिदेव को आमतौर पर बहुत ही क्रूर देवता माना जाता है। लेकिन शनिदेव हर व्यक्ति को उनके कर्मों के मुताबिक ही फल देते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिस जातक की राशि में शनि की वक्र दृष्टि हो तो उसका जीवन कठिनाइयों से भर जाता है। हालांकि, शनि देव की वक्री दृष्टि व्यक्ति के कर्मों के अनुसार ही होती है। शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। ऐसे में शनिदेव बुरे कर्मों की सजा देते हैं और अच्छे कर्म करने वालों को पुण्यकारी फल देते हैं।
ज्योतिष गणना की मानें तो ग्रह-नक्षत्र की चाल बदलती रहती है। इसी से तय होता है कि व्यक्ति के जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ता है अच्छा या बुरा। इसी से यह भी तय होता है कि इस चाल से व्यक्ति पर साढ़े साती और ढैय्या का प्रकोप आ जाता है। इस प्रकोप से बचने के लिए ही व्यक्ति शनिदेव की पूजा करता है। साथ ही उनके मंत्रों का भी जाप करता है। ऐसे में हम आपको यहां कुछ प्रभावशाली मंत्रों की जानकारी दे रहे हैं जिनका जाप अगर आप शनिवार के दिन करते हैं तो आपको शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है।
शनिवार को इन मंत्रों का करें जाप:
ॐ शं शनैश्चराय नमः
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
ॐ कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि। तन्नो मन्दः प्रचोदयात।।
ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि। तन्नो मंद: प्रचोदयात।।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।