शुक्रवार को करें मां लक्ष्मी के इन मंत्रों का जाप, आप पर होगी विशेष कृपा
विष्णुप्रिया मां लक्ष्मी को धन, संपदा, वैभव और संपन्नता की देवी माना जाता है। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को विशेष रूप से प्रिय है।
विष्णुप्रिया मां लक्ष्मी को धन, संपदा, वैभव और संपन्नता की देवी माना जाता है। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को विशेष रूप से प्रिय है। इस दिन वैभव लक्ष्मी के व्रत और पूजन का विधान है। माना जाता है कि नियमित रूप से जो भी शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी का व्रत रखता है उसे धन संबधी किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी का श्रद्धा पूर्वक पूजन करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। घर में सुख और समृद्घि का आगमन होता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में शुक्रवार को जिनका का जाप करने से मां लक्ष्मी जरूर प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं....
1-मां लक्ष्मी का बीज मंत्र
मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए उनके बीज मंत्र का जाप कमल गट्टे की माला से करना चाहिए।
ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।।
2- श्री लक्ष्मी महामंत्र
मां लक्ष्मी का यह मंत्र धन, ऐशवर्य, सौभाग्य और यश प्रदान करने वाला है। इस मंत्र का शुक्रवार के दिन 108 बार तिल के तेल की दिया जला कर जाप करना चाहिए।
ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
3- धन संबंधी समस्या दूर करने का मंत्र
मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। यदि आप कर्ज या धन संबधी समस्या से परेशान हैं तो मां लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:। ।
4- सुख-समृद्ध के लिए मंत्र
मां लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप करने और शुक्रवार के दिन इत्र और सुंधित पदार्थ अर्पित करने से आपके घर में सुख-समृद्धि का आगमन होगा ...
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
5- सर्व मनोकामना पूर्ति मंत्र
मां लक्ष्मी के इस मंत्र का जाप करने और उन्हें कमल या गुलाबी रंग के फूल अर्पित करने से सभी प्रकार की मनोकामाओं की पूर्ति होती है...
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।